बरेली से पीएचडी की डिग्री लेने बेल्जियम गया था वासिल, क्रोशिया में बीच पर डूबने से हो गयी मौत

शव भारत लाने को तीन दिन से भटक रहे परिजन, विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास से भी नहीं मिली मदद

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। बरेली से पीएचडी की डिग्री हासिल करने बेल्जियम गए युवक की क्रोशिया में बीच पर डूबने से मौत हो गयी। बरेली निवासी वासिल मलिक बेल्जियम की यूसी लवानिया यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री हासिल करने गए थे। बेटे की मौत की खबर से परिवार में कोहराम मच गया। वासिल के परिजन अब तक उसका शव भारत नहीं ला पाए हैं पिछले तीन दिनों से वासिल के परिजन उसका शव भारत लाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने विदेश मंत्रालय से लेकर क्रोशिया में भारतीय दूतावास तक सभी से संपर्क कर लिया है।

मगर अभी तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल पा रहा है। परिजनों का कहना है कि यूनिवर्सिटी से भी उनकी बात हुई तो बताया गया कि यहां से भी लगातार कोशिश की जा रही है कि शव को बरेली भेज दिया जाए।

बेल्जियम से घूमने गया था क्रोशिया

परिजनों ने बताया कि वासिल अपने दोस्तों के साथ छुट्‌टी बिताने के लिए क्रोशिया के 'पोकोंजी डॉल बीच' पर गया था। वहां समुद्र में सभी दोस्त राफ्टिंग कर रहे थे। इसी बीच तेज पानी में वासिल का मूवमेंट अचानक से बंद हो गया। आनन-फानन में उसके दोस्तों समेत वहां मौजूद टीम ने उसे पानी से बाहर निकाला। उस वक्त उसकी कुछ सांसे चल रही थी। मगर जब तक डॉक्टर के पास पहुंचे वासिल ने दम तोड़ दिया। जिसकी वजह से डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

दोस्‍तों ने दी परिजनों को खबर

परिजनों के मुताबिक करीब तीन दिन पहले वासिल के नंबर से रात करीब साढ़े दस बजे फोन आया। फोन पर वासिल नहीं बल्कि उसका दोस्त बात कर रहा था। उसने बताया कि वासिल की मौत हो गई। यह शब्द सुनते ही परिजनों के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। जब तक पूरी बात पता चलती तब तक परिवार में कोहराम मच गया। तब से लेकर अब तक परिजन शव को भारत लाने के लिए हाथ पांव पटक रहे है।

विदेश मंत्रालय व दूतावास से भी नहीं मिली सहायता

परिजनों का कहना है कि वासिल के शव को क्रोशिया में ही मोर्चरी में रखवा दिया गया है। जब से उसकी मौत की खबर मिली है तब से विदेश मंत्रालय से लेकर भारतीय दूतावास तक सभी जगह शव को लाने की बात कर चुके है। मगर अभी तक कोई उम्मीद हाथ नहीं लग पा रही है। वासिल की यूनिवर्सिटी से भी संपर्क किया गया। वहां से भी आश्वासन दिया गया है। इतना ही नहीं परिजनों ने सोशल मीडिया का भी सहारा लेकर मदद की गुहार लगाई है।

एक साल पूर्व बेल्जियम गया था वासिल

मृतक वासिल के मौसेरे भाई रफीक ने बताया कि पिछले वर्ष ही लॉकडाउन से पहले वासिल बेल्जियम गया था। उसकी पीएचडी इसी वर्ष सितम्बर माह में पूरी होती। जब से लॉकडाउन लगा था तब से वह वहीं पर था। इससे पहले उसने दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी से एमटेक की पढ़ाई पूरी की थी। वहां से स्कॉलरशिप पर वह पीएचडी करने के लिए बेल्जियम गया था। वासिल के पिता लईक अहमद मलिक एक विजनेस मैन है।