वाराणसी: आनलाइन क्‍लास अटेण्‍ड करने को उपकरण खरीदने के नहीं थे पैसे तो रेमेडिसिवर बेचकर ऐसे जुटा रहा था रकम

पुलिस ने गिरफ़्तार किया, बीएचयू के छात्र को इंजेक्‍शन देने वाले मेडिकल संचालक की भी तलाश जारी

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। मेडिकल स्‍टोर से नपांच हजार रूपए का रेमेडिसिवर इंजेक्‍शन खरीदकर 15 से 20 हजार में बेचने वाला बीएचयू के छात्र को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है। पुलिस को छात्र ने बताया कि आनलाइन क्‍लास ज्‍वाइन करने के लिए उसके पास उपकरण खरीदने को पैसा नहीं था तो उसने यह तरीका चुना। वाराणसी के ही एक मेडिकल स्‍टोर से उसने रेमेडिसिवर के इंजेक्‍शन पांच हजार रूपए के हिसाब से खरीदे थे जिन्‍हें वह डिमांड बढ़ने पर ज्‍यादा कीमतों पर बेच रहा था। पुलिस ने अब उस मेडिकल संचालक की भी तलाश शुरू कर दी है जिसने पांच हजार रूपयों में पहले छात्र को रेमेडिसिवर का इंजेक्‍शन बेचा था। गुप्त सूचना पर ककरमत्ता के पास से युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया। उसने अपना नाम सुनील पटेल और खुद को BHU का छात्र बताया। उसने स्वीकार भी किया कि पांच इंजेक्शन इससे पहले वो बेच चुका था।

रोहनिया गंगापुर का रहने वाले सुनील पटेल ने बताया BHU में सोशल साइंस का स्टूडेंट हूं। मुझे ऑनलाइन क्लास ज्वाइन करना था। पांच - पांच हजार का इंजेक्शन बहुत पहले मेडिकल स्टोर से खरीद कर रखा था। जब मार्केट में बिकना बंद हुआ तो 15 से 20 हजार में बेचने लगा। पांच इंजेक्शन बेच भी चुका था, आखरी बचा था और पकड़ा गया। पुलिस मेडिकल स्टोर भी कार्रवाई की तैयारी में हैं।

पुलिस ने जगतगंज और मडुआडीह से भी मुन्नू और कौशिक नामक व्यक्ति को पकड़ा हैं। कौशिक के परिवार में एक परिजन की कोविड से मौत हो गयी थी। इंजेक्शन बेकार हो जाता। इसलिए अपने दोस्त मुन्नू के साथ इंजेक्शन बेचने की तैयारी में था और पकड़ा गया। DM कौशल राज शर्मा ने बताया चेतावनी दी गयी थी। अब कार्रवाई के लिए दो टीमें बना दी गयी हैं। अस्पताल, मेडिकल स्टोर, एम्बुलेंस वाले अगर निर्धारित मूल्य से ज्यादा पैसे वसूलते और इंजेक्शन की कालाबाजारी की सूचना मिली तो कार्रवाई होगी।