यूपी: योगी सरकार ने छह माह तक कर्मचारियों की हड़ताल पर लगायी रोक, एस्‍मा के तहत होगी कार्रवाई

कर्मचारी संगठनों ने कहा- अधिकारों का हनन कर रही सरकार

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। यूपी में योगी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की हड़ताल पर छह माह के लिए रोक लगा दी है। आदेश का उल्‍लंघन करने वाले कर्मचारी संगठनों के सदस्‍यों पर एस्‍मा के तहत कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले भी योगी सरकार यह आदेश लागू कर चुकी है। अब लगातार तीसरी बाद सरकार ने इस रोक की मियाद को छह माह के लिए बढ़ाया है। उधर सरकार के आदेश से कर्मचारी संगठन खासे नाराज हैं कर्मचारी नेताओं ने कहा कि सरकार अधिकारों का हनन करके कर्मचारियों की आवाज को दबाना चाहती है।

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने राज्य सरकार के इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। हड़ताल करने पर आवश्यक सेवा अधिनियम (इसेंशियल सर्विसेस मेंटेनेंस एक्ट) एस्मा का उल्लंघन माना जाएगा। इस धारा को तोड़ने से जेल जाने से लेकर नौकरी जाने तक का खतरा होगा। अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एंड कार्मिक मुकुल सिंघल ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिया है। इसे सभी विभागों में भेज दिया गया है।

30 लाख कर्मचारियों पर लागू नियम
शिक्षक और राज्य और निकाय कर्मचारियों को मिलकर करीब 30 लाख लोगों पर यह नियम लागू होगा। उसके अलावा प्रदेश के सभी श्रम संगठन भी इस आदेश के दायरे में आते हैं। ऐसे में निजी कंपनियों में भी हड़ताल नहीं हो सकती है। इस आदेश का श्रम संगठनों और कर्मचारियों संगठनों ने विरोध किया है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि यह कर्मचारी विरोधी फैसला है। हम इसका विरोध करते हैं। सीटू के प्रदेश सचिव प्रेमनाथ राय ने इसको तानाशाही फैसला करार दिया है। दलील है कि कर्मचारियों का शोषण इससे बढ़ता जाएगा।

एस्मा लगाने का यह फैसला तीसरी बार बढ़ा है। इससे पहले भी 6-6 महीने के लिए सरकार यह आदेश जारी कर चुकी है। हरिकिशोर तिवारी कहते है कि सरकार के सामने ही कर्मचारी अपनी बात रखता है। ऐसे में यह तरीका बहुत गलत है। उन्होंने बताया कि सरकार चाहती नहीं कि चुनाव तक कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर सड़क पर आए। ऐसे में हम इसका विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के बाद भी अगर सरकार ने हमारी मांगों को नहीं माना तो हम विरोध जरूर दर्ज कराएंगे।