यूपी: महिला ने सीएमओ के पैरों में गिरकर मांगा रेमेडिसिवर इंजेक्‍शन, CMO ने दे डाली गिरफ़्तारी की धमकी  

प्राईवेट अस्‍पताल रेमेडिसिवर इंजेक्‍शन का पर्चा थमाकर झाड़ रहे मरीज से पल्‍ला

 | 

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। कोरोना संक्रमण से लड़ रहे मरीजों के प्रति अब सूबे के अफसर भी बेपरवाह हो चले हैं या यूं कहें कि वाकई में सरकार के संसाधनों का अकाल पड़ गया है। एक ओर प्रदेश के सीएम योगी आदित्‍यनाथ प्रदेश में आक्‍सीजन बेड और रेमेडिसिवर इंजेक्‍शन की कोई कमी नहीं होने का दावा कर रहे हैं वहीं मरीज बेड अस्‍पताल और रेमेडिसिवर जीवन रक्षक इंजेक्‍शन के लिए अफसरों के आगे गिड़गिड़ा रहे हैं लेकिन उन्‍हें हासिल हो रही है तो सिर्फ दुत्‍कार और अंत में मौत।

ताजा मामला गौतमबुद्धनगर जिले का है यहां एक महिला ने सीएमओ के पैरों में गिरकर रेमेडिसिवर इंजेक्‍शन दिलाने की गुहार लगाई लेकिन सीएमओ ने इस पर ध्‍यान नहीं दिया और आगे बढ़ गए। यही नहीं सीएमओ ने महिला को जेल भिजवाने की धमकी भी दे डाली। दरअसल यूपी में नोएडा के सेक्टर 39 स्थित CMO कार्यालय में मंगलवार की दोपहर तीन महिलाएं अस्पताल में भर्ती अपने मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए भटक रही थीं। जब CMO पहुंचे तो महिलाएं रोते हुए उनके पैरों पर गिर पड़ीं। लेकिन CMO उनकी रिपोर्ट लेकर आश्वासन देते हुए आगे बढ़ गए। शाम को इंजेक्शन देने से मना कर दिया।

महिलाओं ने आरोप लगाया कि CMO ने पहले तो सभी को इंजेक्शन मिलने की बात कही। जब इंजेक्शन लेने के लिए महिलाओं ने दोबारा आने की बात कही तो वो बोले कि दोबारा आए तो जेल में डलवा देंगे।

नहीं पसीजे सीएमओ

दरअसल, मंगलवार को एक महिला और सात-आठ अन्य लोग रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए सेक्टर 39 स्थित CMO दफ्तर पहुंचे थे। काफी इंतजार के बाद जब CMO दीपक ओहरी आए तो महिलाएं हाथ जोड़कर उनसे इंजेक्शन के लिए मिन्नतें करने लगीं। इस दौरान दो महिलाओं ने CMO के पैर भी पकड़े। लेकिन CMO को तरस नहीं आया। महिलाओं का कहना है कि निजी अस्पताल तीमारदारों को पर्चे पर इंजेक्शन लाने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।

कविता बताती हैं कि उनके पति इंदर गुप्ता सेक्टर 27 कैलाश हॉस्पिटल में भर्ती हैं। जीवन की जंग लड़ रहे हैं। वे कोरोना से पीड़ित हैं। उनकी उम्र 48 वर्ष है। CMO के पैर पकड़ पति के जीवन की भीख मांगी है। वहीं दूसरे अन्य मरीजों के परिजन बताते हैं कि CMO सुबह आश्वासन देकर चले जाते हैं, पर्चे भी जमा करा लिए जाते हैं। लेकिन शाम को मना कर दिया जाता है।