यूपी: किसानों के गुस्‍से का शिकार हुए जलशक्ति मंत्री को अपने ही विधानसभा क्षेत्र से जाना पड़ा वापस

कृषि कानूनों पर सरकार की चुप्‍पी से नाराज हैं किसान

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। यूपी में भाजपा सरकार के मंत्रियों को किसानों का गुस्‍सा झेलना पड़ रहा है। कृषि कानूनों की वापसी के लिए अरसे से किसान दिल्‍ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं लेकिन सरकार कानों मं तेल डाले बैठे है। इसीलिए किसानों ने अब सरकार के मंत्रियों का विरोध करना शुरू कर दिया है। ताजा मामले में पंचायत चुनाव का प्रचार करने पहुंचे जलशक्ति मंत्री को किसानों के गुस्‍से के कारण अपने ही विधानसभा क्षेत्र से वापस जाना पड़ा। विरोधियों में शामिल अधिकतर किसानों ने उन्हें इस दौरान काले झंडे दिखाते हुए वहां (बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र में आने वाले मटखेड़ा से) से वापस लौटने पर मजबूर कर दिया था।

चश्मदीदों ने यह भी बताया गया कि प्रदर्शनकारी उन्हें (मंत्री को) देख 'औलख मुर्दाबाद, BJP मुर्दाबाद' और 'कृषि कानून वापस लो' के नारे लगाने लगे थे। यह सब तब हुआ, जब रविवार को वह UP Panchayat Chunav में BJP समर्थित उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे। वहीं, स्थानीय किसान नेताओं ने दावा किया कि करीब 250 लोगों ने मंत्री को इलाके में न को घुसने दिया और न ही प्रचार का मौका दिया।

मटखेड़ा निवासी किसान हरवीर सिंह ने अखबार से कहा- सरदार गुरवीर सिंह विक्कर के साथ बिलासपुर से 200 किसान दिल्ली से सटे गाजीपुर बॉर्डर पर 150 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं और औलख यहां पर अपनी पार्टी के लिए प्रचार करना चाहते थे। यह चीज तो किसान विरोधी है। हमने बीजेपी को 2014, 2017 और 2019 में समर्थन दिया, पर अब हम उनके खिलाफ हैं।

उनके मुताबिक, "सर्किल ऑफिसर अनुज चौधरी की मदद से पुलिस ने मंत्री के काफिले को लौटने में मदद की, जो कि ग्रामीणों से बिना मिले ही वहां से निकल गए थे।" नाम न बताने की शर्त पर एक पुलिस अफसर ने बताया- लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कराना हमारा काम है। मंत्री मुश्किल में थे और हम उन्हें वहां से लेकर निकले थे।

ऐसे में समझा जा सकता है कि कृषि कानूनों को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ किसानों का विरोध कम होता नहीं नजर आ रहा है।

हालांकि, मंत्री ने अपने साथ इस तरह की घटना होने का सिरे से खंडन किया है। लखनऊ से उत्तर पश्चिम में 350 किमी दूर बिलासपुर से BJP विधायक औलख ने अखबार से इस बारे में कहा, "वहां चार से पांच लोग खड़े थे और उन्होंने ही हल्ला-गुल्ला किया था। मेरे विधानसभा क्षेत्र में लोगों ने मेरा विरोध नहीं किया था।"