यूपी: रामप्रताप पहुंचे कब्रिस्‍तान नासिर श्‍मशान में लेटा था तभी खुल गयी सच्‍चाई, ये है हैरान करने वाला मामला

प्राइवेट अस्‍पताल ने हिंदू को दे दिया मुस्लिम का शव और मुस्लिम को सौंप दिया हिन्‍दू का शव

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। यूपी में कोरोना का कहर इस कदर हावी हो गया है कि लोगों को जान बचानी मुश्किल हो रही है। इस महामारी के बीच यूपी के मुरादाबाद में मेडिकल स्‍टाफ के द्वारा एक बड़ी लापरवाही सामने आयी है। मेडिकल स्‍टाफ ने दो कोरोना मरीजों की मौत के बाद हिन्‍दू परिवार को मुस्लिम मृतक का शव सौंप दिया और मुस्लिम परिवार को हिन्‍दू मृतक का शव सौंप दिया। यह वाकया मुरादाबाद के प्राईवेट अस्‍पताल का है मुस्लिम परिवार ने शव को कब्रिस्‍तान में दफना भी दिया। जब हिन्‍दू परिवार के लोग अंत्‍येष्टि के लिए शमशान घाट पहुंचे और मृतक का चेहरा खुला तो सब नजारा देखकर हैरान रह गए। परिजन जिसका अंतिम संस्‍कार करने जा रहे थे वह व्‍यक्ति वह था ही नहीं बल्कि चेहरा देखने से मुस्लिम प्रतीत हो रहा था। आनन फानन में गुस्‍साए परिजनों ने अस्‍पताल प्रशासन से संपर्क किया तो अस्‍पताल को अपनी गलती का एहसास हुआ लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

अस्पताल प्रशासन ने सील शवों की बिना जांच किए ही परिवारों को थमा दिया था। मुस्लिम परिवार ने शव को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया। इसके बाद परिजनों ने अस्पताल के बाहर पहुंचकर जमकर हंगामा किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आक्रोशित परिजनों को शांत कराया। मुस्लिम परिवार से संपर्क किया गया। इसके बाद दफन शव को कब्र से बाहर निकालकर हिंदू परिवार को सौंपा गया। अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि आखिर इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई?

ये था मामला

यह पूरा मामला मुरादाबाद महानगर के बड़े अस्पतालों में शुमार कॉसमॉस अस्पताल की है। बरेली के सुभाष नगर निवासी रामप्रताप सिंह बैंक से रिटायर कर्मी थे। उनको हार्ट की काफी समय से बीमारी थी। नागफनी थाना क्षेत्र के बंगला गांव निवासी अधिवक्ता पवित्र कुमार उनके रिश्तेदार हैं। कुछ दिनों पहले राम प्रताप रिश्तेदारी में पवित्र के घर आए थे। 15 अप्रैल को राम प्रताप की तबीयत खराब हुई तो उन्हें कॉसमॉस अस्पताल में भर्ती कराया गया।

परिजनों के अनुसार 16 अप्रैल को बताया गया कि वह कोरोना संक्रमित हैं। इसके बाद अस्पताल में उनका इलाज शुरू हो गया। 19 अप्रैल की दोपहर अस्पताल प्रशासन ने पवित्र कुमार को सूचना दी कि राम प्रताप का निधन हो गया है। मंगलवार की दोपहर काफी मशक्कत के बाद अस्पताल प्रशासन ने राम प्रताप का शव परिजनों के सुपुर्द किया। देर शाम परिजन शव का अंतिम संस्कार करने के लिए शमशान घाट पहुंचे। पवित्र कुमार के अनुसार, मुखाग्नि देने से पहले जब उनका चेहरा देखा गया तो सभी के होश उड़ गए। दरअसल अस्पताल प्रशासन ने लापरवाही बरतते हुए किसी अन्य युवक का शव उनके सुपुर्द कर दिया था। इसके बाद परिजनों ने अस्पताल पहुंचकर जमकर हंगामा किया लेकिन काफी देर तक किसी ने भी उनकी सुध नहीं ली। परिजनों ने पुलिस को सूचना दी तो सिविल लाइंस थाने से भारी फोर्स मौके पर पहुंच गए।

हिंदू परिवार को सौंपा मुस्लिम व्यक्ति का शव
जानकारी करने पर मालूम हुआ कि जिस शव को हिंदू परिवार को सौंपा गया वह मुरादाबाद के कटघर थाना स्थित रामपुर दोराहा निवासी नासिर का शव है। जबकि नासिर के परिजनों को राम प्रताप का शव सुपुर्द कर दिया गया है। यह जानकारी होने के बाद पुलिस ने जब किसी तरह से नासिर के परिजनों से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि चक्कर की मिलक में उन्होंने शव को दफन कर दिया है। यह जानकारी मिलने के बाद नासिर के शव के साथ पुलिस-प्रशासन व राम प्रताप के परिजन चक्कर की मिलक स्थित कब्रिस्तान पहुंच गए। देर रात अफसरों की मौजूदगी के बाद कब्र खोदकर शव निकाला गया। शिनाख्त होने के बाद पुलिस ने दोनों शव को उनके परिजनों को देकर रवाना किया।

दोषियों पर कार्रवाई की बात
SDM सदर प्रशांत तिवारी ने बताया कि कॉसमॉस हॉस्पिटल में शव बदलने का मामला सामने आया था। अस्पताल में कोविड के चलते शवों को ट्रिपल लेयर में पैकिंग में रखा जाता है। डेड बॉडी का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकाल के हो सकता है। अस्पताल प्रशासन की गलती हुई और शव बदल गए। उसकी जांच करा कर जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।