यूपी: लापरवाही वाले ड्रामेबाज डाक्टर ने जिंदा इंसान को घोषित कर दिया मृत, घर पर कफन की चादर हिली तो खुला राज
फ्रीजर में रखी बाडी में दिखी हरकत तो फिर ले गए लखनऊ के अस्पताल
अस्पताल में सात घंटे के इलाज के बाद हुयी मौत
न्यूज टुडे नेटवर्क। कोरोना महामारी के दौर में अब डाक्टर भी अपना काम ईमानदारी से नहीं कर रहे हैं। यूपी के सुलतानपुर के अस्पताल में डाक्टरों का बड़ा कारनामा सामने आया है। डाक्टरों ने एक जिंदा इंसान को मृत घोषित कर डाला। डाक्टरों से मृत घोषित होने के बाद व्यक्ति को परिजन घर ले गए और चिलर फ्रीजर पर रख दिया। कुछ देर बाद व्यक्ति के ऊपर पड़ी चादर हिली तो परिजन भी चौंक गए। पड़ोस से डाक्टर को बुलाकर चेक कराया तो व्यक्ति जिंदा निकला और परिजन उसके अंतिम संस्कार की तैयारियों में जुटे थे। डाक्टर ने चेक किया तो व्यक्ति के पल्स और आक्सीजन दोनों नार्मल पाए गए। तब परिजन एंबुलेंस से उन्हें इलाज के लिए लखनऊ के अस्पताल ले गए लेकिन छह सात घंटे के बाद उन्होंने अस्पताल में दम तोड़ दिया।
कोतवाली नगर क्षेत्र में दरियापुर मोहल्ले के रहने वाले अब्दुल माबूद (50 साल) को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। अब्दुल के भाई की पत्नी शाहेदा बानो बताती हैं कि जेठ को ऑक्सीजन की जरूरत थी। इसलिए गुरुवार की दोपहर करीब दो बजे उन्हें सरकारी अस्पताल लेकर गए। बहुत कहने के बाद 3-4 इंजेक्शन लगाया गया। इसके बाद भी मरीज को उलझन थी। आक्सीजन की डिमांड की गई तो डाक्टर ने ऑक्सीजन सिलेंडर खाली नहीं होने की बात कहकर किनारा कर लिया।
शाहेदा ने आगे बताया कि, मरीज को सुकून नहीं था तो उन्हें सरकारी अस्पताल से निकालकर प्राइवेट में लेकर के गए। वहां उनकी पल्स रेट बैठ गई थी, ऑक्सीजन लेवल भी डाउन हो गया था। प्राइवेट अस्पताल में डाक्टर ने मरीज को भर्ती करने से मना कर दिया। कहा वहां लेकर जाओ जहां ऑक्सीजन मौजूद हो। मजबूरन फिर से सरकारी अस्पताल लेकर जाना पड़ा। जहां चेस्ट पर पंप करने के बाद जब कोई हरकत नहीं हुई तो डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
डाक्टरों के मृत घोषित करने के बाद परिवार वाले शाम को उसे लेकर घर आ गए। रिश्तेदारों को मौत की खबर कर दी गई। अंतिम संस्कार शुक्रवार सुबह तय कर दिया। इसलिए चिलर लाकर बॉडी को उसमें रख दिया गया। रात करीब 11:30-11:45 पर उसकी बेटी सना अख्तर उसी चिलर के पास बैठी। उसने बताया कि धीरे-धीरे चादर हिल रही थी। उसने अपनी मां को यह बताया, फिर जिस फ्रीजर में रखा गया था उसको हटवाया। जब चेक किया गया तो सांस चल रही थी।
भाई माशूक बताते हैं कि, मेरी भतीजी ने बताया कि पापा हिल रहे हैं। मैंने तुरंत चिलर को हटाकर पंप किया तो दिल की धड़कन महसूस हुई, फिर मुंह से हवा दिया। तब तक डाक्टर आ गए थे, उन्होंने चेक किया तो पल्स चल रही थी। फौरन एंबुलेंस बुलाकर उन्हें लखनऊ भेजा गया। लेकिन शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे मौत हो गई।
जांच के बाद होगी कार्रवाई
जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) डॉ एससी कौशल ने कहा कि अभी मामला मेरे संज्ञान में नही है। आपके माध्यम से जानकारी हुई है जांच करा रहे हैं। जो भी डाक्टर ड्यूटी पर था उससे बड़ी चूक हुई है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।