डाक्‍टरों की कमी पूरी करने को अब MBBS के छात्रों का सहारा लेगी यूपी सरकार

एमबीबीएस के छात्रों की लगेगी कोविड ड्यूटी

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। यूपी में अब एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्र कोरोना पाजिटिव मरीजों का इलाज करेंगे। सीएम योगी ने फैसला लेते हुए यह ऐलान किया है। सीएम योगी ने कहा कि एमबीबीएस के छात्रों की भी कोविड ड्यूटी लगायी जाएगी। सीएम योगी ने कहा कि कोरोना मरीजों के बेहतर इलाज के लिए सरकार ने एमबीबीएस के छात्रों को भी कोविड मरीजों का इलाज करने की जिम्‍मेदारी सौंपने का फैसला लिया है। एमबीबीएस के चौथे और पांचवे वर्ष की पढ़ाई कर रहे छात्रों को कोविड ड्यूटी में लगाया जाएगा। कोविड के इलाज के लिये साधनों को बेहतर बनाने के लिये निजी अस्पतालों व प्रयोगशालाओं को अधिग्रहीत करने का फ़ैसला भी लिया गया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना की समीक्षा बैठक के दौरान निर्देश दिए कि संक्रमण की वजह से डाक्‍टरी के छात्रों की परीक्षा निरस्त हुई है। लिहाजा उनकी ड्यूटी अस्पतालों में लगायी जाए ताकि, अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी से कुछ हद तक निपटा जा सके। दरअसल, राजधानी लखनऊ में केजीएमयू समेत कई सरकारी कॉलेज में कई डॉक्टर व चिकित्सा अधिकारी कोरोना संक्रमित है। इस बीच शिकायत आ रही है कि अस्पतालों में डॉक्टर की कमी हो रही है।

गुजरात से मंगाई जाएगी रेमडिसीवेर दवा

उधर कोरोना नियंत्रण को लेकर लगातार फेउसले ले रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रेमडिसीवेर दवा की कमी को देखते हुए उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया है कि वे गुजरात से 25 हजार की खेप तुरंत मंगवाएं।

कानून मंत्री भी उठा चुके हैं सवाल

बता दें यूपी सरकार में कानून मंत्री बृजेश पाठक ने भी एक पत्र लिखकर मेडिकल सुविधाओं पर सवाल उठाए है। उन्होंने लिखा है कि प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना की जांच बंद हो गई है, जो बेहद गलत है। शहर में इस वक्त 17 हजार कोविड जांच किटों की ज़रूरत है, लेकिन 10 हजार ही मिल रही हैं. मंत्री का कहना है कि लोग लगातार मदद के लिए फोन कर रहे हैं, लेकिन सुविधा नहीं है। इसलिए मदद भी नहीं हो पा रही है। इतना ही नहीं, मंत्री ने शिकायत की है कि स्वास्थ्य अधिकारी के दफ्तर में फोन नहीं उठाया जाता है, जिसके कारण दिक्कतें हो रही हैं। मंत्री ने अपनी चिट्ठी में अपील की है कि अस्पतालों में बेड की संख्या तुरंत बढ़ाई जाए, टेस्टिंग पर भी ज़ोर दिया जाए।