कल काशी को मिल सकता है कई नई परियोजनाओं का तोहफा, मोदी करेंगे कन्‍वेंशन सेन्‍टर का लोकार्पण

कोरोना की तीसरी लहर से निपटने पर चर्चा करेंगे प्रधानमंत्री

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी कल गुरूवार को वाराणसी पहुंचेंगे। पीएम के आगमन के लिए काशी को पहले से ही सजा संवार कर तैयार कर दिया गया है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री कल काशी को कई नई परियोजनाओं की सौगात दे सकते हैं। कोरोना संक्रमण में किए कार्यों की समीक्षा और तीसरी लहर से निपटने पर भी चर्चा की जाएगी।

चर्चा के लिए बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में प्रधानमंत्री के हाथों लोकार्पित होने वाले एमसीएच विंग में जगह निर्धारित की गई है। चर्चा में जिला स्वास्थ्य विभाग के अफसरों और डॉक्टरों के साथ ही पुलिस और प्रशासन के अफसर भी मौजूद रहेंगे। कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर में रिकवरी के बनारस मॉडल की प्रधानमंत्री ने खुद भी तारीफ की थी। साथ ही इस माडल को अन्य जिलों को अपनाने का आह्वान भी किया था।

कोरोना वारियर्स और संस्‍थानों का आभार जताएंगे

कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान वाराणसी में भी ऑक्सीजन सिलिंडर की भारी किल्लत हुई थी। उस दौरान प्रधानमंत्री के आह्वान पर उद्यमी आरके चौधरी सबसे पहले जिले के सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगवाने के लिए सामने आए थे। उनके बाद विभिन्न कारपोरेट घरानों के साथ ही फ्रांस और अमेरिका की संस्थाओं ने भी वाराणसी के सरकारी अस्पतालों को ऑक्सीजन प्लांट की सुविधा से लैस करने के लिए खुल कर मदद की।

आपदा के समय काम आने वाले इन सभी 14 संस्थानों के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर प्रधानमंत्री उनका आभार जताएंगे। इसके साथ ही उनका आह्वान करेंगे कि वह समाज के अन्य सामर्थ्यवान लोगों को भी इस तरह से प्रेरित करें कि वे जनसरोकार के कामों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।

कन्‍वेंशन सेंटर का लोकार्पण

वाराणसी में 186 करोड़ रुपए की लागत से बने इस कन्वेंशन सेंटर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 जुलाई को लोकार्पित करेंगे। लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान नई दिल्ली स्थित जापानी दूतावास के अधिकारी मौजूद रहेंगे और जापान के प्रधानमंत्री का वीडियो संदेश भी काशी के लोग सुनेंगे।

12 दिसंबर 2015 की शाम 6 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पहुंचे थे। मोदी-शिंजो ने तब गंगा का दुग्धाभिषेक किया था। उसी दिन रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर की नींव रखी गई। इसके बाद जापान इंटरनेशनल को-आपरेशन एजेंसी (JICA) के सहयोग से रुद्राक्ष का निर्माण शुरू हुआ।