यूपी की हाईसिक्‍योरिटी बांदा जेल की सुरक्षा भेद दीवार फांद भाग गया चोरी में बंद कैदी

अफसरों के हाथ पांव फूले, रात भर कैदी को तलाश लेकिन नहीं लगा सुराग

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। यूपी की हाईसिक्‍योरिटी बांदा जेल से एक कैदी बीती रात दीवार फांदकर फरार हो गया। इसी बांदा जेल में माफिया डान मुख्‍तार अंसारी भी बंद है। मुख्‍तार के बांदा जेल में आने के बाद से ही इस जेल को हाईसिक्‍योरिटी एरिया बनाया गया था लेकिन हाईसिक्‍योरिटी को धता बताकर कैदी दीवार फांदकर फरार हो गया। कैदी फरार होने की खबर लगते ही जेल प्रशासन समेत जिले भर के अफसरों के हाथ पांव फूल गए। जेलकर्मी और जिले के तमाम थानों की पुलिस रात भर कैदी को तलाशती रही लेकिन कैदी का सुबह तक कोई पता नहीं चला। अफसर यहां हाईटेक सुरक्षा का दावा भी करते हैं। इसी दावे के साथ यहां हाई प्रोफाइल कैदी मुख्तार अंसारी को रखा गया है।

सिटी मजिस्ट्रेट केशव नाथ ने बताया कि रविवार रात भागा कैदी विजय आरख चोरी के मामले में फरवरी से बंद था। जेल अधिकारियों का कहना है कि वह चोर है। हो सकता है कि वह जेल में ही कहीं छिपा हो। फिलहाल उसकी तलाश की जा रही है। केशव नाथ ने यह भी बताया कि रविवार शाम 7.30 बजे सभी कैदियों को खाना खिलाया गया। इसके बाद वह बैरक नम्बर-4बी से पानी पीने गया। उसके बाद से उसे किसी ने नहीं देखा। जब रात में कैदियों की गिनती होने लगी तब पता चला कि विजय आरख गायब है। फिलहाल, जेल के अंदर से लेकर बाहर तक फोर्स तैनात है।

सीओ सिटी आरके सिंह ने बताया कि खोजबीन में पता चला कि जेल की दीवार के पास एक बांस का डंडा पड़ा मिला है। ऐसे में हो सकता है कि वह जेल की दीवार फांद गया हो। फिलहाल पुलिस की 5 टीमें उसकी तलाश में जुटी है।

बीते अप्रैल में मुख्तार अंसारी को बांदा जेल में शिफ्ट किया गया था। उस समय मुख्तार के परिजनों ने आशंका भी जाहिर की थी कि मुख्तार के लिए बांदा जेल सुरक्षित नहीं है। तब अधिकारियों ने हाईटेक सुरक्षा का आश्वासन दिया था। जिसकी आज पोल खुल गई।

विजय आरख चोरी के आरोप में बंद मामूली कैदी था। लेकिन उसके फरार होने के बाद इमरजेंसी अलार्म बजाया गया। इसके बाद सुरक्षाकर्मी तो अलर्ट हुए ही, अधिकारियों का भी जेल में आना-जाना शुरू हो गया। देर रात से अब तक कई बार अधिकारी जेल के चक्कर काट चुके हैं। डीएम और एसपी ने भी जेल का निरीक्षण किया है। चूंकि जेल में मुख्तार अंसारी जैसा हाई प्रोफाइल कैदी बंद है। इसलिए सवाल उठ रहे है कि जेल की सुरक्षा का ऐसा बुरा हाल क्यों है।