जिला पंचायत अध्‍यक्षी को लेकर सूबे की सियासत गर्म, सीएम योगी ने वरिष्‍ठ नेताओं के साथ की लंबी बैठक

मंत्रियों को सौंपी जाएगी रूठे नेताओं को मनाने की जिम्‍मेदारी

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। जिला पंचायत अध्‍यक्षी के चुनावों को लेकर सियासत गर्म हो चली है। पंचायत अध्‍यक्ष के टिकटों के बंटवारों को लेकर सीएम योगी ने पार्टी के वरिष्‍ठ नेताओं के साथ लंबी मंत्रणा की है। इस बैठक में विधानसभा चुनावों को लेकर भी चर्चा की गयी। शनिवार की शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, संगठन मंत्री सुनील बंसल और अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने करीब 2 घंटे तक मंथन किया। इसमें चुनाव जीतने के लिए रणनीतियां भी तैयार की गईं। 5 पॉइंट् में समझिए बैठक में क्या तय हुआ ?

बैठक में टिकट का बंटवारा संबंधित जिले के सांसद, विधायक और जिला अध्यक्ष मिलकर किसी एक का नाम तय करेंगे। इसे प्रदेश कार्यकारिणी के पास भेजना होगा। प्रत्याशी तय करने से पहले ये भी देखना होगा कि किस संभावित उम्मीदवार के पास कितने सदस्यों का समर्थन है? कौन मजबूत उम्मीदवार होगा।  तीन संभावित प्रत्याशियों का पैनल भी बनाना होगा। उनसे जुड़ी डिटेल्स प्रदेश कार्यकारिणी के पास भेजनी होगी।  2022 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जातीय, सामाजिक समीकरण के साथ टिकाऊ दावेदार को उम्मीदवार बनाया जाए। जिनका नाम फाइनल नहीं होगा, उन्हें मनाने का काम भी सांसदों, विधायकों, जिला अध्यक्ष और अन्य बड़े नेताओं को करना होगा।

बैठक में तय हुआ कि प्रदेश के मंत्रियों को उनके जिले की जिम्मेदारी दी जाएगी। ये मंत्री अपने यहां के निर्दलीय और विपक्ष के पंचायत सदस्यों को BJP के साथ जोड़ने की कोशिश करेंगे। चुनाव तक ज्यादातर मंत्रियों, विधायकों और सांसदों को अपने जिले में रहना होगा। वहां पंचायत अध्यक्ष चुनाव के लिए समीकरण मजबूत बनाना होगा।

बैठक में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक, अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन मंत्री सुनील बंसल ने साफ कहा कि पंचायत चुनाव के नतीजें अगले साल विधानसभा चुनाव पर भी असर डालेंगे। ऐसे में पंचायत चुनाव में किसी तरह से कमजोर नहीं पड़ना है।