शाहजहांपुर: दवा व्‍यापारी ने तीन सुसाइड नोट में लिखा, सूदखोर मेरे बच्‍चों को भी नोंच डालेंगे

12 लाख कर्ज लिया, 32 लाख अदा किए, 70 लाख और मांगे

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। यूपी के शाहजहांपुर जिले में दवा व्‍यापारी के परिवार सहित सुसाइड मामले में सूदखोर कनेक्‍शन साफ हो गया है। बताया जा रहा है कि दवा व्‍यापारी ने सूदखोर से रूपए उधार लिए थे। उसने सूदखोर से 12 लाख रूपए उधार लिए थे जिसके एवज में वह 32 लाख रूपए ब्‍याज सहित दे भी चुका था। इसके बाद भी सूदखोर 70 लाख रूपए और देने की मांग कर रहा था। आत्‍महत्‍या के बाद मौके से पुलिस को मिले तीन सुसाइड नोट से पूरे मामले का लगभग खुलासा हो गया है।  सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने तफ्तीश की तो कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए।

मृतक अखिलेश ने अपने तीनों सुसाइड लेटर में एक ही बात लिखी है- 'अगर मेरे बच्चे जिंदा रहे तो यह सूदखोर उन्हें भी नोच डालेंगे।' अखिलेश के बुजुर्ग पिता सिर पर हाथ रखकर कहते हैं कि कभी उसने अपनी परेशानी जाहिर ही नहीं होने दी। अगर मुझे पता होता तो शायद मेरा परिवार मेरे साथ होता। फिलहाल, पिता अशोक गुप्ता ने सुसाइड लेटर के आधार पर सूदखोर अविनाश के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है। पुलिस की टीम उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है।

12 के 32 लाख चुकाए, सूदखोर 70 लाख लाख की और डिमांड

तीन सुसाइड लेटर में सिर्फ सूदखोर के बारे में ही लिखा हुआ है। हालांकि, पुलिस सुसाइड लेटर सामने नहीं ला रही है, लेकिन बताया यही जा रहा है कि अखिलेश ने तीनों ही लेटर में एक ही बात लिखी है। लेटर के नीचे अखिलेश और उसकी पत्नी रेशु के सिग्नेचर भी हैं।

बताया जा रहा है कि घर बनवाने और कुछ पैसा बिजनेस में लगाने के लिए अखिलेश ने 12 लाख रुपए ब्याज पर लिए थे। जबकि दिसंबर से लेकर मई 2021 तक अखिलेश सूदखोर अविनाश को 32 लाख रुपए दे चुके हैं और 70 लाख की मांग अविनाश और कर रहा था।

बैनामा कराकर मकान खाली करने का दबाव
सूदखोर अविनाश ने अखिलेश पर इतना दबाव बनाया कि जिस मकान को बड़े अरमानों से उसने बनाया था और 7 माह पहले ही उसमें शिफ्ट हुआ था। उसका बैनामा भी सूदखोर को कर दिया था। बताया जा रहा है कि सूदखोर अविनाश उस मकान को खाली करने का दबाव भी बना रहा था।

पड़ोसियों के मुताबिक 2 दिन पहले भी अखिलेश के घर पर कुछ लोग आए थे। दोनों में जोर-जोर से बात हो रही थी। पुलिस को घटनास्थल पर एक अलमारी से एक डायरी भी बरामद हुई है। डायरी में सूदखोरी का हिसाब किताब लिखा हुआ है।

पिता रोते हुए कहते हैं- क्या पता था? इन बूढ़ी आंखों से अपने जवान बेटे की लाश देखने को मिलेगी। इससे बड़ा दुर्भाग्य हमारा क्या होगा। अखिलेश के पिता अशोक गुप्ता बरेली के फरीदपुर में बीएमएस डॉक्टर हैं।

उन्होंने बताया कि अखिलेश लगभग 15 साल पहले फरीदपुर से शाहजहांपुर दवा का बिजनेस करने आ गया था। इसी बीच कन्नौज की रेशु से उसकी शादी हुई और दो बच्चे हुए। अभी 2 साल पहले जब वह कच्चा कटरा में मकान बनाने जा रहा था तो मैंने उसे 5 लाख रुपए दिए थे। अभी 2 दिन पहले अपनी मां से फोन पर बात की तब भी कोई परेशानी नहीं बताई। पिता अशोक कहते हैं कि वह मुझे बताता तो ऐसी नौबत नहीं आती।

अखिलेश गुप्ता ने आत्महत्या का बाकायदा प्लान बनाया था। सोमवार सुबह फोन पर हुई कुछ लोगों से बातचीत में उसने ऐसा कुछ जाहिर नहीं होने दिया। पुलिस की जांच में पता चला है कि अखिलेश जूट की रस्सी लाया था। जिससे उसने अलग-अलग चार फंदे बनाए थे। साथ ही चाय में नशीली गोलियां डाली गई थीं। बच्चे जब चाय पीकर बेसुध हो गए तो उन्हें लटकाया गया। फिर पत्नी और फिर खुद फांसी से लटक गया। बताते है कि घर के अंदर जो भी गया वह वहां का भयानक मंजर देख रोता हुआ ही बाहर आया है।