रिश्‍तों का मर्डर: घर में रखे 50 लाख कैश के लालच में दो बेटों ने ही पिता को उतारा था मौत के घाट

छह बाद पुलिस ने किया सनसनीखेज खुलासा, कुंए में फेंकी गयी लाश भी पुलिस ने बरामद की

 | 

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। यूपी के बुलंदशहर में रिश्‍तों के कत्‍ल का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। घर में रखे 50 लाख रूपए के लालच में दोनों बेटों ने ही छह माह पूर्व बीएसएफ के कांस्‍टेबिल अपने पिता की हत्‍या कर दी थी। दोनों बेटों का कैश के बंटवारे को लेकर आधी रात को पिता से झगड़ा हुआ था। जिसके बाद बेटों ने ही बाप को मौत के घाट उतार दिया। वारदात को अंजाम देने के बाद बेटों ने बाप का शव घर से ढाई किलोमीटर दूस एक कुएं में फेंक दिया। पुलिस ने छह बाद इस हत्‍याकांड का सनसनीखेज खुलासा करके सबको चौंका दिया। दोनों हत्‍यारे बेटों को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है। मृतक का शव भी कुंए से बरामद हो गया है।

मार्च में गायब हुआ था बीएसएफ जवान

बुलंदशहर के अगौता थाना क्षेत्र के सेगा गांव निवासी रामपाल सिंह (54) पुत्र भूरे सिंह बीएसएफ में हेड कांस्टेबल थे। उनकी 57 बटालियन जैसलमेर में पोस्टिंग थी। 1 अप्रैल को हेड कांस्टेबल को विशेष कोर्स के लिए बाहर जाना था। 28 मार्च 2021 को 1 दिन के लिए अपने मूल गांव बुलंदशहर पहुंचा। 29 मार्च से हेड कांस्टेबल का मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। हेड कांस्टेबल के गैरहाजिर होने के बाद बीएसएफ ने बुलंदशहर पुलिस से रिपोर्ट मांगी। लेकिन अगौता थाना पुलिस शिकायत करने वालों को ही थाने में बंद करती रही।

घर पर ही निकली मोबाइल की लास्‍ट लोकेशन

लापता हेड कांस्टेबल रामपाल के भाई वेदप्रकाश ने 20 सितंबर 2021 को एडीजी मेरठ को बताया कि कई बार बुलंदशहर पुलिस व अगौता थाना इंस्पेक्टर से शिकायत की। लेकिन उसके बाद भी अगौता पुलिस खानापूर्ति करती रही। जब हेड कांस्टेबल के मोबाइल की लोकेशन निकलवाई गई तो 29 मार्च की रात 11:00 बजे उनके घर की आई। रात 11 बजे ही मोबाइल स्विच ऑफ आया। उसके बाद रामपाल को किसी ने कहीं नहीं देखा। मोबाइल की लोकेशन पुलिस को उपलब्ध कराई गई। लेकिन उसमें बाद भी पुलिस मामले को दबाने में लगी रही।

शिकायत पर चाचा पर भी किया था आरोपियों ने हमला

हेड कांस्टेबल रामपाल सिंह के पिता भूरे सिंह गांव के पूर्व प्रधान रहे हैं। 29 मार्च की रात को जब हेड कांस्टेबल घर से लापता हुआ तो उनके चचेरे भाई जितेंद्र ने पुलिस अफसरों से शिकायत की कि मेरे भाई की हत्या कर दी गई है। मुझे अपने भतीजों पर शक है। लेकिन अगौता थाना पुलिस ने आरोपियों से सांठगांठ कर शिकायत करने वाले जितेंद्र को ही थाने मे बंद कर दिया। उसके बाद लगातार हेड कांस्टेबल के भाई केस के खुलासे की मांग करते रहे।

क्राइम ब्रांच ने हेड कांस्टेबल के छोटे बेटे हिमांशु उर्फ आकाश व इसके 4 दोस्तों से सख्ती से पूछताछ की तो केस खुल गया। सोमवार को हत्यारे बेटे और अन्य की पैरवी करने में 40 -50 ग्रामीण एसएसपी बुलंदशहर के ऑफिस पहुंचे। जहां गांव के लोगों ने कहा की हेड कांस्टेबल का भाई वेदप्रकाश और चचेरा भाई जितेंद्र फर्जी तरह से बदनाम कर रहे हैं। लेकिन पुलिस अधिकारियों ने आरोपियों की पैरवी करने वाले ग्रामीणों को फटकार कर भगा दिया।