मुजफ्फरनगर: कृषि कानूनों के विरोध में भाजपा महिला नेत्री ने दिया इस्तीफा, महिला आयोग का पद भी छोड़ा

न्यूज टुडे नेटवर्क। नए कृषि कानूनों की तपिश अब भाजपा में भी बढ़ने लगी है। गौरतलब है कि दिल्ली की सीमाओं पर एक अरसे किसान नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। आरोप है कि सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही है। अब यूपी में ही भाजपा की
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मुजफ्फरनगर: कृषि कानूनों के विरोध में भाजपा महिला नेत्री ने दिया इस्तीफा, महिला आयोग का पद भी छोड़ा

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। नए कृषि कानूनों की तपिश अब भाजपा में भी बढ़ने लगी है। गौरतलब है कि दिल्‍ली की सीमाओं पर एक अरसे किसान नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं। आरोप है कि सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही है। अब यूपी में ही भाजपा की एक नेता ने नए कृषि कानूनों के विरोध में अपना इस्‍तीफा पार्टी नेतृत्‍व को सौंप दिया है। यूपी के मुजफ्फरनगर जिले की भाजपा नेता प्रियंवदा तोमर ने भाजपा की सदस्‍यता से बुधवार को इस्‍तीफा दे दिया। तोमर ने उत्‍तर प्रदेश महिला आयोग की सदस्‍यता से भी इस्‍तीफा दे दिया है।

तोमर ने भाजपा पर किसानों की मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए इस्‍तीफा दिया है। तोमर ने इस दौरान कहा कि किसान दिल्‍ली की सीमाओं पर अरसे से बैठे आंदोलन कर रहे हैं लेकिन सरकार किसानों की बात तक सुनने को राजी नहीं है। उन्होंने ऐसे समय में इस्तीफा दिया है, जब राज्य में जल्द ही पंचायत के चुनाव होने वाले हैं। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को भेजे इस्तीफे में उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र और राज्य में भाजपा नीत सरकार कृषि कानूनों के संबंध में किसानों की मांगों को नजरअंदाज कर रही है, जो चार महीने से अधिक समय से प्रदर्शन कर रहे हैं।

तोमर ने कहा कि भाजपा की ”किसान विरोधी” नीति की वजह से ही उन्होंने यह फैसला किया है। उन्होंने कहा, ” उत्तर प्रदेश में भाजपा ने महिलाओं को भी नजरअंदाज किया है और उनकी आकांक्षाएं पूरी करने में भी नाकाम रही है।” बता दें कि इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने दावा किया था कि जल्द ही आंदोलन के समर्थन में एक बीजेपी सांसद का इस्तीफा होगा, जितने बीजेपी के सांसद हैं, उतने दिन यह आंदोलन चलेगा।

राकेश टिकैत ने बीजेपी सांसद के नाम का खुलासा नहीं किया था, लेकिन इस बयान के बाद से ही कई तरह की अटकलें लगाई जा रही है। कुछ लोगों का कहना है कि इस्तीफा देने वाला सांसद पश्चिमी यूपी से हो सकता है, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि पंजाब या हरियाणा का बीजेपी सांसद अपना इस्तीफा दे सकता है। हालांकि, इस बयान के करीब माह भर बाद अब तक किसी सांसद ने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है।