सीएम योगी के संक्रमित होने के बाद युद्ध गति से कोरोना को हराने की लड़ाई में जुटी मशीनरी

पूरी की जा रही संसाधनों की कमी, बेड बढ़ाने की कवायद भी तेज

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ के कोरोना संक्रमित होने के बाद अब यूपी सरकार की पूरी मशीनरी युद्ध गति से कोरोना से बचाव के कार्यों को करने में जुट गयी है। सीएम योगी की नीति की अनुसार अफसर दौड़ने लगे हैं। संसाधनों में पल पल इजाफा हो रहा है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने दवा, टेस्टिंग, एन 95 मास्क और पीपीई किट के लिए सौ करोड़ रूपए जारी किए हैं। वहीं पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्धता का दावा भी सरकार ने किया है। सरकारी प्रवक्‍ता ने बताया कि राज्‍य में  उपलब्‍ध  507 मीट्रिक टन ऑक्सीजन में 232 मीट्रिक टन का ही उपयोग हो रहा है। 24 घंटे में विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में 121 आईसीयू और एचडीयू बेड बढ़ाए गए हैं।

कोरोना से लड़ाई में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रणनीति पर पूरा सरकारी महकमा लगा है और संसाधनों में पल-पल ईजाफा हो रहा है। पूरी मशीनरी युद्ध गति से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में शिद्दत से जुटी है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मेडिकल कॉलेजों, राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों और संस्थानों में दवा, टेस्टिंग और एन 95 पीपीई किट के लिए सौ करोड़ रुपए जारी किए हैं।

सीएम योगी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में रोजाना उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर खुद समीक्षा करते हैं। जिसका परिणाम है कि प्रदेश में रोजाना न सिर्फ संसाधनों और बेडों में ईजाफा हो रहा है, बल्कि पर्याप्त मात्रा में दवाईयों के साथ ऑक्सीजन भी उपलब्ध है। हालांकि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सीएम योगी ने इसे और बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने प्रदेश में दूसरी लहर आने के बाद होम आईसोलेशन की अनुमति के कारण एल 1 अस्पताल शुरू नहीं किया है। जबकि एल 2 और एल 3 अस्पताल शुरू किए गए हैं और इसमें गंभीर मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। प्रदेश में अब तक एल 2 और एल 3 अस्पतालों में 25,764 (ऑक्सीजन के साथ सामान्य बेड) और लगभग 7000 आईसीयू बेड हैं। विशेष सचिव प्रांजल यादव ने बताया कि प्रदेश में आक्सीजन की उपलब्धता 507 मीट्रिक टन है। जबकि ऑक्सीजन का उपयोग 232 मीट्रिक टन है, जिसमें औद्योगिक उपयोग 99.6 मीट्रिक टन है। प्रदेश में वेंटिलेटर 5000 से अधिक हैं।

प्रदेश सरकार ने भारत सरकार से मांगे 15 सौ और वेंटिलेटर: आलोक कुमार

प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने बताया कि पिछले 24 घंटे में विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में एक दिन में 121 आईसीयू और एचडीयू बेड बढ़ाए गए हैं। एरा मेडिकल कॉलेज को पूर्ण रूप से कोविड हॉस्पिटल घोषित किया गया है। इसके अलावा राज्य आपदा मोचक नीति के तहत प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों, चिकित्सा विश्वविद्यालयों, राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों और चिकित्सा संस्थानों में दवा, टेस्टिंग और एन 95 मास्क, पीपीई किट की एक माह की आवश्यकता के लिए सौ करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। प्रदेश सरकार ने प्रस्ताव भेजकर भारत सरकार से 15 सौ और वेंटिलेटर मांगे हैं।

इन्हें भेजे गए सौ करोड़ रुपए

चिकित्सा शिक्षा विभाग ने कानपुर, आगरा, मेरठ, प्रयागराज, झांसी, गोरखपुर, बांदा, आजमगढ़, अंबेडकरनगर, कन्नौज, जालौन, सहारनपुर और बदायूं मेडिकल कॉलेज, स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय अयोध्या, बस्ती, बहराईच, फिरोजाबाद और शाहजहांपुर, केजीएमयू लखनऊ, उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ, सुपर स्पेशियलिटी बाल चिकित्सालय एवं स्नातकोत्तर शैक्षणिक संस्थान नोएडा, एसजीपीजीआई लखनऊ और राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान ग्रेटर नोएडा को सौ करोड़ रुपए की धनराशि भेजी है।

लखनऊ में बढ़ेंगे पांच सौ से ज्यादा बेड 

इंटीग्रल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में 200 बेड और तैयार किए जा रहे हैं। जबकि यहां 120 आईसीयू बेड और आइसोलेशन सहित कुल 400 बेड हो जाएंगे। टीएस मिश्रा मेडिकल कॉलेज में कल तक डेढ़ सौ आईसीयू और एचडीयू बेड सहित 500 बेड हो जाएंगे। चिकित्सा शिक्षा विभाग मैन पावर उपलब्ध कराने में सहयोग करेगा। कैंसर इंस्टिट्यूट में भी 100 बेड बढ़ाने, मेयो इंस्टिट्यूट बाराबंकी में 200 से अधिक बेड क्रियाशील हैं, जिसे और बढ़ाया जा रहा है। कैरियर इंस्टिट्यूट में 50 आईसीयू बेड सहित आज शाम तक 300 बेड हो जाएंगे।