यूपी में नौकरी के बदले लाठी: सीएम आवास का घेराव करने पहुंचे शिक्षक भर्ती के अभ्‍यर्थियों पर लाठीचार्ज, दर्जनों घायल

पूर्व मंत्री राजभर ने कहा- 2022 में जनता तानाशाही की हर लाठी का जवाब भाजपा से लेगी

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। यूपी में 69 हजार पदों पर शिक्षक भर्ती विवाद मामले में सीएम आवास का घेराव करने पहुंचे अभ्‍यर्थियों पर पुलिस ने मंगलवार को लाठीचार्ज कर दिया। आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया में नियमों को दरकिनार किया गया है। सैकड़ों की संख्‍या में अभ्‍यर्थी सीएम आवास की ओर बढ़ने लगे। पुलिस ने उन्‍हें रोकने की कोशिश की लेकिन गुस्‍साए अभ्‍यर्थी नहीं माने जिस पर पुलिस ने लठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज से वहां भगदड़ मच गयी। कई दर्जन लोग लाठीचार्ज में घायल हुए हैं।

इस प्रकरण पर पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने योगी सरकार पर तंज कसा है। कहा, 'आरक्षण घोटाले के खिलाफ हक की लड़ाई लड़ रहे पीड़ित छात्रों की मांग सुनने की बजाय हजारों ओबीसी और एससी सीटों को लूटने वाली योगी सरकार उन पर बर्बरता पूर्वक लाठीचार्ज करवाती है, जो निंदनीय है। हर लाठी का हिसाब 2022 में भाजपा को चुकाना पड़ेगा।

वहीं NEET में ओबीसी आरक्षण बहाल करने की लड़ाई लड़ रहे मंडल चीफ आर्मी की गिरफ्तारी भाजपा की हिटलरशाही का जीता जागता उदाहरण है। कितनों को गिरफ्तार कर लो तानाशाही सरकार यह आंदोलन नहीं रुकेगा। भाजपा सरकार सबका साथ सबका विकास का नारा देने वाली पिछड़ों दलितों का विनाश करने पर लगी हुई है'

प्रदर्शनकारी अनूप कुमार ने बताया कि पुलिस गाड़ी में कहां ले जा रही, उन लोगों को नहीं पता। यहां तक की आंदोलन में शामिल लड़कियों को दूसरी जगहों पर ले जाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शिक्षा मंत्री ने 6 जुलाई को वार्ता कर चार दिन का समय मांगा था। लेकिन मामले में 14 दिन गुजर गए लेकिन सरकार ने कोई पहल नहीं की है।

सीएम से न्‍याय की गुहार

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने 'योगी जी न्याय दो, शिक्षा मंत्री न्याय' दो के नारे लगाए। इसमें बताया कि वह लोग इसको लेकर सीएम और राज्यपाल को भी पत्र लिख चुके हैं। लेकिन अभी तक उनकी मांगों को नजरअंदाज कर गलत तरीके से भर्ती प्रक्रिया को शुरू किया जा रहा है। कहा कि जल्द ही इसमें सुधार न हुआ तो हजारों प्रदर्शनकारी आंदोलन को उग्र करने को विवश होंगे। इसकी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी।