लखीमपुर हिंसा: एसआईटी के सवालों में फंसा आशीष, एक घंटे कहां था ये नहीं बता पा रहा मंत्री पु‍त्र

आशीष ने एसआईटी को 24 घंटे के सबूत सौंपे लेकिन घटना के वक्‍त एक घंटे कहां था इसका कोई सबूत नहीं दिया

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। लखीमपुर हिंसा में आरोपी गृहराज्‍यमंत्री अजय मिश्र का बेटा आशीष मिश्र एसआईटी को घटना वाले दिन के अपने एक घंटे का सबूत नहीं दे पा रहा है। हालांकि आशीष ने अपने घटनास्‍थल पर ना होने के तमाम सबूत जांच समिति को दिए हैं लेकिन घटना वाले एक घंटे आशीष कहां था इसका कोई सबूत आशीष पेश नहीं कर पाया है। उधर एसआईटी को एक पैट्रोलपंप का सीसीटीवी फुटेज मिला है जिसमें थार जीप में तेल भरवाया जा रहा है उस थार जीप में आशीष मिश्रा उर्फ मोनू साफ तौर बैठा हुआ देखा जा सकता है। गौरतलब है कि आशीष को पुलिस ने तीन दिनों की रिमांड पर लिया है। आज बुधवार को उसकी रिमांड का दूसरा दिन है।

इस पूरे मामले की जांच कर रही एसआईटी को सुबह से शाम तक मोनू की जहां-तहां मौजूदगी के तमाम फोटो-वीडियो मिले हैं। यह पेनड्राइव मोनू ने अपने अधिवक्ता अवधेश कुमार सिंह के जरिये एसआईटी को दी है। सुबह कहां था, कब दंगल में गया, कब गाड़ी में तेल भरवाया...इसका सुबूत मोनू ने तमाम फोटो-वीडियो और सीसीटीवी फुटेज के जरिये दिया है। मोनू दोपहर ढाई बजे से साढ़े तीन बजे के बीच कहां रहा, वह इसका कोई सुबूत नहीं दे पाया है। यह वही वक्त है, जब तिकुनिया में थार से हादसा हुआ।

पेट्रोल पंप की फुटेज मजबूत सबूत

एसआईटी से जुड़े सूत्रों ने बताया, मोनू ने मौखिक तौर पर इतना जरूर कहा कि वह हादसा स्थल पर नहीं था। लेकिन जब एसआईटी ने उससे इसका सुबूत मांगा तो वह कुछ उपलब्ध नहीं करा पाया। 24 घंटे की मौजूदगी में सिर्फ उसी एक घंटे के साक्ष्य नहीं हैं, जब यह हादसा हुआ था। इससे एसआईटी का मंत्री के बेटे पर शक गहराया और उसे गिरफ्तार किया गया। एसआईटी को एक पेट्रोल पंप की सीसीटीवी फुटेज मिली है। इसमें थार में मोनू बैठा हुआ है, जहां तेल भरवाया जा रहा था।

दरअसल यह वही थार है, जिससे कुचलकर चार किसानों व एक पत्रकार की मौत हुई है। कुल मिलाकर एक घंटे का सुबूत नहीं मिलने से मोनू मिश्रा पुलिस के जाल में फंसता जा रहा है। एसआईटी पहले ही कह चुकी है कि मोनू मिश्रा हमें कॉपरेट नहीं कर रहे।

इस पूरे मामले में आरोपी आशीष मिश्र उर्फ मोनू के अधिवक्ता अवधेश कुमार सिंह ने दावा करते हुए कहा कि एसआईटी पर ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है, जिससे यह साबित हो सके कि आशीष मिश्र घटनास्थल पर मौजूद थे। हमारे पास इससे जुड़े जितने सुबूत थे, सारे एसआईटी को दे चुके हैं। इसके बावजूद एसआईटी का यह कहना कि हम कॉपरेट नहीं कर रहे, गलत है।