टीम इलेवन के साथ बैठक में सीएम योगी ने कहा- मरीजों के साथ संवेदनशील व्‍यवहार करें अफसर

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। कोरोना महामारी से निपटने के लिए सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने टीम इलेवन के अफसरों के साथ बैठक करके आवश्‍यक निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने कहा कि 1 मई से प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के कोविड टीकाकरण की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। वैक्सीन वेस्टेज को न्यूनतम रखने के प्रयासों और नए टीकाकरण सॉफ्टवेयर के ट्रायल के दृष्टिगत अधिक संक्रमण दर वाले सात जनपदों में 85 केंद्रों पर 18-44 आयु वर्ग का टीकाकरण किया जा रहा है। इसे चरणबद्ध रूप से पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इसी के साथ-साथ प्रदेश में 2500 केंद्रों पर 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण पूर्ववत जारी है।

कोविड से लड़ाई में टीकाकरण अहम है। देश मे सर्वाधिक टीकाकरण उत्तर प्रदेश में हुआ है। निशुल्क टीकाकरण की घोषणा करने वाला उत्तर प्रदेश प्रथम राज्य है। हम सभी नागरिकों के वैक्सीनेशन के लिए नियोजित भाव से कार्य कर रहे हैं।

बदलती परिस्थितियों के बीच हमें अस्पतालों में प्रशिक्षित मानव संसाधन की आवश्यकता होगी। ऐसे में, एक्स सर्विस मैन, सेवानिवृत्त चिकित्सक, आर्मी के रिटायर्ड लोग, अनुभवी पैरामेडिकल स्टाफ, मेडिकल/पैरामेडिकल के अन्तिम वर्ष के छात्र/छात्राओं की सेवाएं ली जानी चाहिए। बेहतर हो कि प्रदेश में मैन पावर बैंक जैसा प्रयास किया जाए। जहां जैसी आवश्यकता हो, मानव संसाधन को उपलब्ध कराया जा सकेगा। चिकित्सा शिक्षा मंत्री इस दिशा में कार्रवाई सुनिश्चित कराएं।

उत्तर प्रदेश में रेमडेसिविर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रतिदिन 50,000 वॉयल का नया आवंटन किया गया है। यह नवीन आवंटन प्रदेश में रेमडेसिविर की आपूर्ति सुचारु रखने में बहुत उपयोगी होगी। स्वास्थ्य मंत्री इस जीवनरक्षक दवा की मांग और आपूर्ति के वितरण की स्वयं मॉनिटरिंग करें। मांग, आपूर्ति और वितरण की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी ढंग से संपन्न होनी चाहिए।

मरीज के परिजनों के साथ संवेदनशील व्यवहार किया जाना अपेक्षित है। हमारा सहयोगपूर्ण रवैया परिजन के लिए इस आपदाकाल में बड़ा सम्बल होगा। हेल्पलाइन में सेवाएं दे रहे कार्मिकों समुचित जानकारी दें। यदि कोई व्यक्ति किसी मरीज के लिए ऑक्सीजन सिलिंडर की रीफिलिंग के लिए जा रहा है तो उसे यथासंभव सहयोग करे, उसे रोका न जाए। अस्पताल में भरती मरीज़ों के परिजनों को दिन में कम से कम एक बार उनके मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी जरूर दी जाए। स्वास्थ्य मंत्री इस व्यवस्था को सुनिश्चित कराएं।