माता कालरात्रि के भय से दैत्य राक्षस और प्रेत दूर भागते हैं, भक्तों की बाधाओं को दूर करती हैं माँ कालरात्रि 

आज माँ के सप्तम स्वरूप की ऐसे करें पूजा, ये लगाएं भोग, इन मंत्रों से प्रसन्न होती हैं माता 
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न्यूज टुडे नेटवर्क l नवरात्र के सप्तम स्वरूप के रूप में आज सोमवार को माता कालरात्रि का पूजन अर्चन किया जायेगा l यह सदैव शुभ फल देने वाली देवी हैं विक्रम संवत 2078 सप्तम दिवस  सोमवार वासंतिक नवरात्र का सप्तम दिवस माता कालरात्रि को समर्पित है l मां दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती है l मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है लेकिन यह सदैव शुभ फल ही देने वाली है l इसी कारण इनका एक नाम शुंभकरी भी है l उनके साक्षात्कार से मिलने वाले पुण्य का वह भागी हो जाता है l दानव दैत्य राक्षस भूत प्रेत आदि इनके स्मरण मात्र से ही भयभीत होकर भाग जाते हैं l यह ग्रह बाधाओं को भी दूर करने वाली हैं l नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की आराधना की जाती है l इस दिन साधक का मन सहस्त्रार चक्र में होता है l मां के स्वरूप को अपने हृदय में अवस्थित कर साधक को एक निष्ठा भाव से उनकी आराधना करनी चाहिए l

मां कालरात्रि को गुण बेहद प्रिय है मां को गुड़ का भोग लगाकर अर्पित करना चाहिए एवं सब को प्रसाद रूप में वितरण करना चाहिए जिससे परिवार में सभी का स्वास्थ्य उत्तम बना रहेगा l साथ ही मां की आराधना के लिए यदि चमेली के पुष्प मिल सके तो उन्हीं को ही मां को समर्पित करना चाहिए l

आराधना समय

सोमवार रात्रि 12:01 तक मां के पूजन जाप एवं ध्यान के लिए सर्वश्रेष्ठ रहेगा/

आराधना मंत्र

  ऐ ही कली चामुंडाय विच्चे नमः l

बीज मंत्र

 ॐ कालरात्रि देवय नमः l

उपासना मंत्र

ॐ दुर्गेदुर्गति शमनी नमःl