कई जिलों में किसानों का धरना प्रदर्शन, बीस किसान नेता नजरबंद, वेस्‍ट यूपी दिल्‍ली बार्डर पर फूंका सरकार का पुतला

कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर सड़कों पर किसान संगठन

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। कोरोना संकट के बीच आज बुधवार को किसान आंदोलन की चिंगारी आज फिर भड़क गयी। कृषि कानूनों के विरोध में राजनैतिक दल और किसान संगठनों ने आज फिर यूपी के कई जिलों में सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया। धरना प्रदर्शन रोकने के लिए पुलिस ने प्रदेश भर में बीस से अधिक किसान नेताओं को नजरबंद कर दिया। पुलिस कार्रवाई के बावजूद किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया। दिल्‍ली से सटे गाजीपुर बार्डर पर सुबह से ही बड़ी संख्‍या में जुटे किसानों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। किसानों ने यहां केन्‍द्र सरकार का पुतला फूंका और कृषि कानूनों की वापसी की मांग की। वेस्‍ट यूपी के कई जिलों में भी किसानों ने जोरदार प्रदर्शन किया।

भारतीय किसान यूनियन के गढ़ मुज्जफरनगर में किसानों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। रालोद के गढ़ शामली और बागपत में रालोद कार्यकर्ताओं व किसानों ने घरों पर काले झंडे लगाकर विरोध किया। मेरठ के मुबारकपुर, जाटौली, छुर, आगरा, मुज्जफरनगर, समेत कई जिलों में 20 से ज्यादा किसान नेताओं और राजनीतिक दलों के नेताओं को पुलिस ने नजरबंद कर दिया।

मुज्जफरनगर में सड़कों पर महिलाएं

मुज़्ज़फ़रनगर में राकेश टिकैत की पत्नी सुनीता के साथ अन्य कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। महावीर चौक पर भाकियू के कार्यालय मे कार्यकर्ताओं ने काली पट्टी बांधी। ट्रेक्टर पर काली झंडी लगाकर पुरुषों के साथ महिलाओं ने भी सरकार के खिलाफ आवाज़ बुलंद की। पुरकाजी में किसानों ने सरकार का पुतला फूंका

सहारनपुर में भी विरोध

सहारनपुर के नांगल में किसानों ने सड़कों पर प्रदर्शन की योजना बनाई थी। डीएम, एसएसपी ने एक दिन पहले ही किसानों से वार्ता कर ली थी, इसके चलते सहारनपुर में कई स्थानों पर गांवों में घर पर रहकर ही किसानों ने विरोध किया।

मेरठ में रालोद का समर्थन
मेरठ में किसानों के समर्थन में राष्ट्रीय लोकदल के पदाधिकारियों ने बाउंड्री रोड स्थित पूर्व जिला अध्यक्ष राहुल देव के साथ हाथों में तख्ती और काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय लोकदल के पश्चिम उत्तर प्रदेश महासचिव डॉ राजकुमार सांगवान ने कहा सरकार जबरन किसान बिल थोपना चाहती है कोरोना माहमारी के दौर में भी किसान दिल्ली में डटे हुए हैं। केंद्र सरकार को हठधर्मिता छोड़कर तीनों कृषि कानून वापस लेने चाहिए और किसानों से वार्ता कर के नए कानून को बनाने की रूप रेखा तय करनी चाहिए। क्षेत्रीय अध्यक्ष यशवीर सिंह रामेहर गुर्जर नरेंद्र खजूरी शामिल रहे।

पुतला फूंकने पर रोक
नगलाताशी स्थित सैनिक विहार में भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार का पुतला फूंकने की कोशिश की जिसे मौके पर पहुंचकर पुलिस ने रोक दिया। कार्यकर्ताओं ने काले झंडे लेकर मेरठ करनाल मार्ग पर खड़े होकर काले झंडे लहराए और कृषि कानून वापस लो के नारे लगाए। सतीश चौधरी,संजय दौरालिया, मेहराज मलिक, इंद्रपाल, पदम सिंह, अर्जुन जंगेठी, महेंद्र सिंह एडवोकेट आदि मौजूद रहे। कई गांवों में भी भाकियू कार्यकर्ताओं ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया और काले झंडे लहराए। मेरठ में गांवों में पुलिस ने किसानो को पुतला फूंकने से रोकने के लिए घरों में ही नज़रबन्द कर दिया।