दावों की खुली पोल- प्राइवेट अस्‍पताल ने 1.65 लाख के लिए गोंडा में नौ घंटे तक संक्रमित के शव को बंधक बनाए रखा

सीएम योगी ने कहा था सरकार उठाएगी प्राइवेट अस्‍पतालों में मरीजों के इलाज का खर्च

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। यूपी में कोरोना महामारी के कहर के बीच ही निजी अस्‍पताल मरीों से पैसा वसूलने से बाज नहीं आ रहे हैं। कोरोना संक्रमित की मौत के बाद यूपी के गोंडा में प्राइवेट अस्‍पताल ने 1.65 लाख रूपए का बिल थमाया। बिल नहीं भरने पर निजी अस्‍पताल ने शव को नहीं ले जाने दिया। अस्‍पताल ने रूपयों के लिए नौ घंटों तक शव को बंधक बनाए रखा। किसी तरह मृतक के परिजनों ने उधार लेकर नौ घंटे के बाद अस्‍पताल को रूपए दिए तब अस्‍पताल ने शव को परिजनों को सौंपा। बता दें कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि संक्रमितों का इलाज प्राइवेट अस्पताल में हो सकता है। उसका खर्च सरकार उठाएगी। लेकिन जिले में हुई इस घटना ने सरकार के दावों की पोल खोल दी है वहीं मानवता को शर्मसार किया है।

विकास खंड कटरा बाजार के चौहानपुरवा निवासी रोहित सिंहा ने बताया कि 19 अप्रैल को उन्होंने अपने भाई संतोष सिंह (38 साल) को कोरोना से पीड़ित होने के बाद SCPM हॉस्पिटल के कोविड सेंटर में भर्ती कराया था। जहां पर 11 दिनों तक इलाज चलने के बाद गुरुवार की देर रात उनके भाई कि मौत हो गई। इस दौरान अस्पातल प्रशासन द्वारा दवा, जांच और इलाज के नाम पर करीब 3 लाख रुपए जमा कराए।

गुरुवार रात जब संतोष सिंह की मौत हो गई तो अस्पताल प्रबंधन ने एक लाख 65 हजार का बिल थमा दिया। स्टॉफ ने कहा कि एक लाख 15 हजार जमा कर दो, तभी शव मिलेगा। परिवार ने किसी तरह एक लाख रुपए का इंतजाम कर अस्पताल प्रशासन को सौंपा तो शव दिया गया।

गैर जिम्‍मेदाराना बयान

अस्पताल के मैनेजर अभिताज दूबे ने बताया कि बिल बकाया होगा, तभी स्टाफ द्वारा पैसे की मांग की गई है। फिलहाल हम मामले को दिखा रहे हैं। जिले के सीएमओ ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। मामले की जांच कराई जाएगी।