एमएलसी चुनाव: दूसरे दिन कांग्रेस समेत किन-किन प्रत्याशियों ने कराए नामांकन, जानिए,इस खबर में….
बरेली,न्यूज टुडे नेटवर्क। बरेली मुरादाबाद खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से बुद्धवार को भी कई प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया और एमएलसी सीट के लिए दावेदारी पेश की। मंगलवार को ही भाजपा प्रत्याशी ने दल बल के साथ अपना नामांकन दाखिल किया था। अब बुद्धवार को कांग्रेस प्रत्याशी ने एमएलसी सीट के लिए ताल ठोंकते हुए नामांकन दाखिल कराया है। बुद्धवार को कांग्रेस के एमएलसी प्रत्याशी मेंहदी हसन जुलूस की शक्ल में समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल कराने पहुंचे।
इस मौके पर डॉ मेहंदी हसन ने कहा कि उनका मकसद है कि शिक्षकों की समस्याओं का निदान हो शिक्षकों को पेंशन दिलवाएंगे। दावा किया कि अगर वह जीतते है तो सरकार के सामने शिक्षकों की लड़ाई लड़ेंगे और समस्याओं को रखेंगे। शिक्षकों का रुका हुआ वेतन दिलाएंगे। कांग्रेस की टक्कर में कोई नही है।
इस दौरान उनके साथ प्रदेश महासचिव ब्रह्मस्वरूप सागर , प्रदेश सचिव चौधरी असलम मिया , जितेंद्र कश्यप , जिला अध्यक्ष मिर्जा अशफाक सकलैनी , महानगर अध्यक्ष अजय शुक्ला , रामदेव पांडेय , महेश पंडित , बदायूं जिला अध्यक्ष ओमकार सिंह , पीलीभीत जिला अध्यक्ष हरप्रीत चब्बा , अमरोहा जिला अध्यक्ष ओमप्रकाश कटारिया , पारस शुक्ला , पूर्व विधायक नरेंद्र पाल सिंह , पूर्व महापौर सुप्रिया ऐरन , नबाब मुजाहिद हसन , नीतू मेहरोत्रा , चारु मेहरोत्रा , हेमेंद्र शर्मा , इख्तियार कुरैशी , सय्यद फरहान अली , अनूप वर्मा , एवरण कुमार गंगवार आदि मौजूद रहे।
वहीं शर्मा गुट के एमएलसी प्रत्याशी सुभाष चंद शर्मा ने भी बुद्धवार को नामांकन पर्चा दाखिल किया। उन्होंने कहा कि वे शिक्षक हितों के लिए हमेशा काम करते रहेंगे।
आम आदमी पार्टी के एमएलसी प्रत्याशी मेहताब अली भी बुद्धवार को नामांकन कराने पहुंचे , आप कार्यकर्ताओं के साथ कमिश्नरी पहुंचे महताब अली ने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं को हर सरकार ने नजरअंदाज किया है यदि वे जीते तो शिक्षकों की प्रमुख समस्या को सरकार के सामने जरूर उठाएंगे।
इसके अलावा निर्दलीय एमएलसी प्रतियाशी पीयूष सिंह राठौड़ ने भी नामांकन कराया। बरेली , मुरादाबाद खंड शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार पीयूष सिंह राठौड़ बागी ने अपना नामांकन कराया है। इस मौके पर पीयूष सिंह राठौड़ बागी ने कहा कि उनका मकसद है कि शिक्षकों की समस्याओं का निदान हो , अगर वह जीतते है तो सरकार के सामने शिक्षकों की समस्याओं को रखेंगे। शिक्षकों का वेतन दिलाएंगे ।