बरेली: पंचायत चुनावों के बाद बढ़े मरीज अब मतगणना की भीड़ से हालात चिंताजनक होने के आसार

कल दो मई को होनी है पंचायत चुनावों की मतगणना, हर केन्‍द्र पर जमा होगी समर्थकों की भीड़

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मतगणना में लगने वाले कर्मचारियों को भी सता रहा संक्रमण का डर

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। बरेली जिले में पंचायत चुनावों के बाद संक्रमितों मरीजों का आंकड़ा अचानक बढ़ गया है। अब कल दो मई को मतगणना होनी है ऐसे में मतगणना स्‍थलों पर जुटने वाली भीड़ की आशंका से खतरा और अधिक बढ़ने का खतरा है। हाल ही में कोरोना संक्रमण की लहर के बीच पंचायत चुनाव निपटाए गए हैं। इस दौरान पंचायत चुनावों में कई मतदानकर्मी भी संक्रमित निकले हैं। पंचायत चुनावों के दौरान ही कई नेता भी संक्रमित निकले थे। केन्‍द्रीय मंत्री संतोष गंगवार भी पंचायत चुनावों के प्रचार के दौरान संक्रमित हो गए थे। बरेली के नवाबगंज से विधायक केसर सिंह गंगवार की कोरोना संक्रमण से मौत भी हो चुकी है। अब मतगणना को लेकर प्रशासन और स्‍थानीय नागरिक घोर चिंता जता रहे हैं।

गांवों बढ़े कोरोना के केस

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद कोरोना वायरस ग्रामीण इलाकों में अपना रौद्र रूप दिखा रहा है। गांवों में तेजी के साथ जहां संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ी है। मौत का आंकड़ा भी बढ़ा है। बहेड़ीफरीदपुरमीरगंज जैसे क्षेत्रों में स्थिति भयावह है। इससे स्वास्थ्य विभाग की चुनौती बढ़ गई है।
बरेली में पहले चरण का पंचायत चुनाव 15 अप्रैल को संपन्न हुआ था। 1193 ग्राम प्रधान और 1467 क्षेत्र पंचायत सदस्यों के लिए 23.47 लाख मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। गांव से आकर शहर में बसने वाले भी बड़ी संख्या में वोट डालने गए। देश के दूसरे शहरों व विदेशों में रहने वाले ग्रामीणों को बुलाकर वोट डलवाए गए। इसी का नतीजा रहा कि 18 अप्रैल से ही ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना की रफ्तार बढ़ने लगी। 15 अप्रैल को 24 घंटे के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में जहां 50 से अधिक संक्रमित मिले थे तो वहीं यह आंकड़ा 18 अप्रैल तक बढ़कर 130 को भी पार कर गया। 21  22 अप्रैल को तो शहर के लगभग समकक्ष ही गांवों में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा रहा। पंचायत चुनावों के बाद से ही शहर में भी संक्रमण की गति बढ़ी है क्योंकि शहर में रहने वाले अधिकांश लोग गांव से जुड़े हुए हैं। इनमें से अधिकांश लोग वोट डालने गांव भी गए थे। पंचायत चुनाव कराकर वापस लौटे तमाम सरकारी कर्मचारी संक्रमित ही नहीं हुए बल्कि लोक निर्माण विभागबेसिक शिक्षा विभाग के कुछ कर्मचारी व शिक्षकों की मौत भी हुई है। स्वास्थ्य महकमे की ओर से मौत का आंकड़ा जारी किया जाता है उसमें ग्रामीण क्षेत्रों के कोरोना संक्रमित भी रहते है।

संक्रमित और मौत का आंकड़ा बढ़ने से चितिंत
ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेजी के साथ बढ़ी है। बावजूद अधिकतर लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन करने से गुरेज कर रहे हैं। यही हाल रहा तो कुछ ही दिनों में स्थिति और भी भयावह हो सकती है। संक्रमित मरीजों के अलावा मृतकों की संख्या भी कम होने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में ग्रामीणों में महामारी को लेकर चिंता और भी बढ़ गई है।