बरेली: मेयर उमेश गौतम ने किया सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े का शुभारंभ

आशाएं घर घर जाकर बच्चों को पिलाएंगी ओआरएस का घोल, 22 जून तक चलेगा अभियान  

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न्यूज टुडे नेटवर्क। बच्‍चों को दस्‍त और उल्‍टी होने पर साफ पानी में ओआरएस मिलाकर दिया जाना चाहिए। इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होती है। दस्‍त की शुरुआत से ही बच्‍चे को ओआरएस देना शुरू कर देना चाहिए। यह जानकारी बुधवार को सीबीगंज सीएचसी में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े के शुभारंभ के दौरान कही।

उन्होंने बताया कि यह घोल पीने के कुछ मिनटों के अंदर ही काम करना शुरू कर देता है। ओआरएस से आंतें सोडियम के साथ ग्‍लूकोज और पानी को अवशोषित कर लेती हैं जिससे शरीर हाइड्रेट रहता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा दस्त प्रबंधन के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से 22 जून तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जाएगा। इस दौरान आशा 5 साल तक के बच्चों के घर जाकर उनके परिजनों को दस्त नियंत्रण की जानकारी देंगी और बच्चों के लिए ओआर‌एस का पैकेट दिया जाएगा। अभिभावकों को दस्त के दौरान ओआरएस और जिंक के उपयोग को लेकर जागरूक किया जाएगा। इससे होने वाली बाल मृत्यु दर में कमी लाई जा सके।  जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ प्रशांत रंजन ने बताया कि जिन परिवारों में भी पांच साल तक की उम्र के बच्चे हैं, कार्यकर्ता इस दौरान बच्चों के अभिभावकों को ओआरएस के घोल बनाने की विधि का प्रदर्शन कर सिखाएंगी। सामान्य डायरिया का इलाज करने के अलावा गम्भीर केस को कार्यकर्ता अस्पताल के लिए रेफर करेंगी। जिससे प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर उनका सही उपचार हो सके।

बच्चों में दस्त बंद हो जाने के बाद भी जिंक की खुराक 14 दिनों तक जारी रखनी चाहिए। ऐसा करने से अगले दो से तीन महीने तक डायरिया होने की संभावना भी कम हो जाती है। इस अवसर पर एसीएमओ डॉ हरपाल सिंह, सीबीगंज सीएचसी की अधीक्षक डॉ मधु गुप्ता, यूनिसेफ डीएमसी नूरूल निशा, एडरा से शालिनी बिष्ट, जेएसई से रजनी त्यागी, शमीम, अर्बन हेल्थ कोऑर्डिनेटर अकबर हुसैन उपस्थित रहे।

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