बरेली: बीडीए बोर्ड के सदस्‍य सतीश कातिब,  नरेश बंटी और कुक्‍की ने खोला था भ्रष्‍टाचार का काला चिट्ठा

बोर्ड मेम्‍बर्स के गुस्‍से के बाद छिनी अधीक्षण अभियंता की कुर्सी

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। बरेली विकास प्राधिकरण में फैले भ्रष्‍टाचार को लेकर नगर निगम के पार्षद और बरेली विकास प्राधिकरण बोर्ड के सदस्‍यों के भंडाफोड़ के बाद अधीक्षण अभियंता से चार्ज वापस ले लिया गया है। गौरतलब है कि बीडीए बोर्ड के तीन सदस्‍यों सतीश कातिब मम्‍मा, नरेश बंटी और कुक्‍की अरोरा ने बीडीए द्वारा विकसित की जा रही राम गंगा परियोजना के आवंटन में गड़बडि़यों के आरोप लगाते हुए अफसरों के भ्रष्‍टाचार का खुलासा किया था। इसके अलावा अन्‍य विकास कार्यों में भी सरकारी धन के हड़पने और दुरूपयोग करने का आरोप बोर्ड के सदस्‍यों ने लगाया था। जिसके बाद बीडीए में भूचाल आ गया था।

बीडीए में सालों से बोर्ड की बैठक ना बुलाए जाने से भी यह सदस्‍य बेहद खफा थे। बीडीए बोर्ड के इन सदस्‍यों ने भ्रष्‍टाचार के मामलों में कार्रवाई ना होने पर शासन के समक्ष भी मामला उठाने की कवायद शुरू कर दी थी। बीडीए बोर्ड के सदस्‍यों की चेतावनी और भ्रष्‍टाचार के खुलासे के बाद मामलों को संज्ञान में लेते हुए गुरूवार को बीडीए उपाध्‍यक्ष ने अधीक्षण अभियंता से चार्ज वापस ले लिया। गुरूवार को ही बोर्ड के सदस्‍य सतीश चंद्र सक्सेना कातिब मम्मा ,नरेश चंद शर्मा बंटी , कुक्की अरोरा बरेली विकास प्राधिकरण के सचिव के कार्यालय पहुंचे और सचिव जोगेन्‍द्र सिंह से विभिन्न विषयों पर चर्चा की। चर्चा के प्रथम बिंदू में नियमानुसार बैठक ना बुलाने और शासनादेशों का अनुपालन न करने के विषय में चर्चा की गयी।

साथ ही अधीक्षण अभियंता राजीव दीक्षित के द्वारा बोर्ड की बैठक बुलाने पर आपत्ति जतायी गयी। बीडीए उपाध्‍यक्ष ने तीनों बोर्ड सदस्‍यों को आश्‍वस्‍त किया कि अगले 15 दिनों के भीतर सचिव के द्वारा बोर्ड की बैठक आयोजित करने का एजेंडा तैयार कर बैठक बुलायी जाएगी। नरेश शर्मा बंटी ने शहर में हो रहे अवैध निर्माणों विशेष रूप से इज्जत नगर ,थाना बारादरी आदि क्षेत्रों में रोक लगाने की मांग की। पार्षदों ने बताया कि बगैर नक्शा पास कराए निर्माण कार्य करा कर प्राधिकरण को क्षति पहुंचाने की कोशिशें की जा रही हैं। नगर निगम पर आर्थिक भार डालने पर भी सदस्‍यों ने बीडीए वीसी से रोष प्रकट किया।

सदस्‍यों ने कहा चूंकि अवैध निर्माण कर्ताओं की कालोनियों में रहने वाले लोग जनप्रतिनिधियों से अपने अपने क्षेत्र में निर्माण कराने विकास कार्य कराने की मांग करते हैं। जबकि अवैध कालोनियों में कॉलोनाइजर भूखंड और भवन विक्रय करके अपने पैसे इकट्ठे करके चले जाते हैं। तथा इसका परिणाम नगर निगम को भोगना पड़ता है। इसमें पूरी मिलीभगत क्षेत्र के अवर अभियंता की होती है। भूखंडों के आवंटन के संबंध में उपाध्यक्ष ने अवगत कराया कि जल्दबाजी में मिस्टेक हो गई थी उसको बदलना चाहिए था जो नहीं बदला यदि उसी समय प्रिंट बदल दिया होता तो यह भ्रम की स्थिति उत्पन्न नहीं होती।

निर्माण कार्यों के टेंडरों के संबंध में उपाध्यक्ष ने अवगत कराया कि जो निर्माण कार्य नियम विरुद्ध हुए उनको निरस्त कर दिया गया है और जो नए टेंडर पड़े हैं उनमें पूरी पारदर्शिता के साथ काम किया जाएगा। बीडीए बोर्ड के सदस्‍यों ने अधिशासी अभियंता राजीव दीक्षित के विरुद्ध मुरादाबाद में जांच चल रहे होने के उपरांत भी यहां पर तीन तीन लोगों के चार्ज देने पर आपत्ति जतायी। जिस पर वीसी ने कहा कि उन्‍होंने शासन को अनेकों बार अन्य अधिकारियों की तैनाती के संबंध में लिखा, परंतु शासन ने कोई भी नवीन तैनाती आज तक नहीं की है।

इस कारण राजीव दीक्षित को ही चार्ज देना पड़ा। एओ के वापस आने पर तत्काल एओ को चार्ज दिलवाया गया है और राजीव दीक्षित से चार्ज वापस लिया गया है। शिकायतों के दौर के बाद को  विभिन्न विषयों पर बोर्ड के तीनों सदस्‍यों और बीडीए वीसी की बैठक लगभग 2 घंटे चली। यह भी निर्णय हुआ कि शहर के चौमुखी विकास के लिए बोर्ड के सदस्य एवं उपाध्यक्ष समय-समय पर बैठकर आपस में विचार-विमर्श कर रूपरेखा तैयार करेंगे।