एक होंगे अखिलेश और शिवपाल यादव, चाचा को पूरा सम्‍मान और बेटे को भी सरकार में तरजीह देने का वायदा

यूपी चुनाव के लिए सुलह के फार्मूले पर आगे बढ़ रहे सपा प्रसपा, जल्‍द हो सकता है फैसला

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न्‍यूज टुडे नेटवर्क। यूपी विधानसभा चुनावों को लेकर समाजवादी पार्टी अब खुलकर सामने आ गयी है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल के बीच आयी रार को निपटाने के प्रयास भी तेज हो गए हैं। अखिलेश और शिवपाल के बीच बातचीत और सुलह का फार्मूला तैयार कर लिया गया है, उम्‍मीद जतायी जा रही है कि जल्‍द ही प्रसपा का सपा में विलय हो जायेगा। हालांकि अभी प्रसपा अध्‍यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने अभी अपनी पार्टी के सपा के विलय के संकेत नहीं दिए हैं। वहीं यह भी कयास लगाये जा रहे हैं कि दोनों दल भी एक होकर चुनाव लड़ सकते हैं, संभावना है कि समाजवादी पार्टी प्रसपा के लिए अधिक सीटें छोड़ने पर राजी हो जाये। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने इस बात के संकेत दे दिए हैं कि सरकार बनी तो चाचा शिवपाल को पूरा सम्‍मान मिलेगा और बेटे को भी सरकार में अहम जिम्‍मेदारी दी जायेगी।

खबर है कि सुलह का जो फार्मूला तैयार हुआ है,उसमें अखिलेश यादव की तरफ से चाचा शिवपाल को जो ऑफर दिया गया है, उसमें शिवपाल के बेहद खास लोगों को सपा अपने सिंबल पर चुनाव लड़वाएगी। हालांकि शिवपाल चाहते है कि उनके लोग प्रगतिशिल समाजवादी पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़े। कहा ये भी जा रहा है कि मुलायम सिंह यादव की भी शिवपाल से बात हुई है। बातचीत में शिवपाल सिंह के करीबियों को सम्मान देने का आश्वासन मिला है।

एक होना दोनों की मजबूरी

भाजपा पिछले कुछ दिनों से यादव लैंड में अपनी जमीन मजबूत कर रही है। वो जमीन जो समाजवादी पार्टी की सबसे बड़ी ताकत है। कहा जा रहा है कि यादव लैंड में शिवपाल यादव अखिलेश को नुकसान पहुंचा रहें है। करीब 50 से ज्यादा ऐसी सीटें है जिसपर शिवपाल प्रभाव रखते है। शिवपाल वो सींटे भले ना जीत पाएं, लेकिन सपा को हराने मे भूमिका निभा सकते हैं। अखिलेश यादव इस बात को बखूबी जानते है। वही दूसरी तरफ शिवपाल इस चुनाव में अकेले अपने दम पर कोई बड़ा कारनामा नही कर पाएंगे। इसीलिए दोनों एक-दुसरे के लिए मजबूरी है और जरुरी भी ।

चुनावी सरगर्मी के बीच कई मौकों पर अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल यादव के साथ गठबंधन के संकेत दिए । अखिलेश ने कई मौकों पर कहा है कि छोटे दलों के साथ गठबंधन करेंगे, पीएसपीएल से भी गठबंधन संभव है। उधर,नवंबर 2020 में, शिवपाल यादव ने कहा था, "2022 के चुनावों के लिए, हम गठबंधन करेंगे। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी मौजूद रहेगी और हम 'कुंजी' चिह्न के तहत चुनाव लड़ेंगे। बीजेपी को हटाने के लिए हम समाजवादी पार्टी के सहयोगी होंगे। हम दूसरों के साथ भी बातचीत कर रहे हैं।'