गोरखपुर में खुलेगी आईसीएमआर की ये हाईटेक लैब, इन बीमारियों की होगी जांच, सीएम योगी करेंगे उद्घाटन

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न्यूज टुडे नेटवर्क। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) को इसी माह मोबाइल बायोसेफ्टी लेवल- थ्री (बीएसएल-थ्री) लैब उपलब्ध करा देगी। वहीं, एक सप्ताह के अंदर जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन भी स्थापित कर दी जाएगी। दोनों का लोकार्पण 18 या 19 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर सकते हैं। इसकी तैयारियां आरएमआरसी ने शुरू कर दी हैं।

आरएमआरसी के मीडिया प्रभारी सीनियर वैज्ञानिक डॉ. अशोक पांडेय ने बताया कि बीएसएएल थ्री-लैब एक बस में होगी, जिसकी लंबाई सामान्य बस से डेढ़ गुना अधिक होगी। इसमें आधुनिक सुविधाएं मौजूद रहेंगी। खास बात यह है कि चलती-फिरती इस लैब में जांच और शोध संक्रमित क्षेत्रों में जाकर हो सकेगा। इसमें टीबी, जापानी इंसेफेलाइटिस, कैंसर, कोरोना जैसी गंभीर बीमारियों की जांच भी मौके पर हो सकेगी।

लैब 10 दिनों के अंदर मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि लैब में आरटीपीसीआर मशीन, एलाइजा मशीन भी है। टीबी एवं अन्य बैक्टीरिया की जांच के लिए सीबीनेट मशीन भी है। इसमें आरएनए एक्सट्रैक्टर और एडवांस जांच की मशीनें भी हैं। यह बीएसएल-थ्री लैब कई मामलों में बेहद खास है। इसमें येलो फीवर वायरस, वेस्ट नाइल वायरस, कोरोना वायरस, स्वाइन फ्लू वायरस और मर्स वायरस पर शोध हो सकेगा।

डॉ अशोक पांडेय ने बताया कि जांच के लिए सीक्वेंसर मशीन मिल गई है। आरएमआरसी की लैब में इसे स्थापित करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। 10 दिनों से यह काम चल रहा है। इसमें अभी एक सप्ताह से 10 दिन का समय लग सकता है। ट्रायल के दौरान जांच के लिए रैंडम नमूना लिया जा रहा है। इसमें 96 घंटे से अधिक का समय लग रहा है।
इस मशीन को नेक्स्ट जेनरेशन (एनजीएस) मशीन कहते हैं। यह जर्मनी से आई है। इसी मशीन से वायरस के नए वैरिएंट का पता लगाया जाता है। इसके अलावा साइटोकाइन मशीन है, जो शरीर की प्रतिरोक्षक क्षमता का पता लगाती है। फ्लोसाइटोमैट्री मशीन, जो कोशिकाओं की जांच कर बीमारियों का पता लगाती है। इन सभी मशीनों का लोकार्पण मुख्यमंत्री के हाथों होगा।