जानिए, कैसे बेखौफ होकर आसमान में करतब दिखाने वाले संजय गांधी ने भरी थी वो आखिरी उड़ान, फिर वापस नहीं लौटे...

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न्यूज टुडे नेटवर्क। ग्रैंड ओल्ड पार्टी में नया पन लाने वाले नेता, जिनसे मिलने के लिए मुख्यमंत्रियों को भी इंतजार करना पड़ता था... हम बात कर रहे हैं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी की। संजय गांधी ने जिन नेताओं पर दांव लगाया था उन नेताओं ने न सिर्फ देश की राजनीति में अहम किरदार अदा किया है बल्कि पार्टी को मजबूत करने का काम किया था। इन नेताओं में दिग्विजय सिंह, अंबिका सोनी, एके एंटनी, अशोक गहलोत, राजेश्वर प्रसाद उर्फ राजेश पायलट इत्यादि नाम शामिल है।

संजय गांधी जिस पर भी विश्वास जताते उनकी किस्मत चमक जाती थी। क्योंकि संजय गांधी संगठन और सियासत के मामले देखते थे। लेकिन एक ऐसी घटना हुई जिसकी वजह से कांग्रेस समेत पूरे मुल्क में शोक की लहर दौड़ पड़ी। दरअसल, हम बात कर रहे हैं 23 जून को हुए प्लेन क्रैश का।

इंदिरा गाँधी के योगगुरु ने किया था मना

धीरेंद्र ब्रह्मचारी जिन्हें इंदिरा गांधी का योगगुरू माना जाता था। वो कश्मीर से एक चार्टर प्लेन से वापस लौट थे। उस वक्त उनकी मुलाकात एयरपोर्ट पर संजय गांधी से हुई, तब संजय गांधी ने धीरेंद्र ब्रह्मचारी को दोबारा आसमान का नजारा दिखाने की बात कही थी। उस वक्त धीरेंद्र ब्रह्मचारी ने संजय गांधी के साथ उड़ान भरने से इनकार कर दिया था। यह घटना संजय गांधी की मृत्यु से 2 दिन पहले की है। 

दरअसल, संजय गांधी बेखौफ होकर प्लेन और अपनी मेटाडोर कार चलाया करते थे। उनके करतबों को देखकर सभी चौंक जाते थे। लेकिन संजय गांधी को तो इसमें मजा आता था। एक किस्सा और भी है ऐसा ही... आरके धवन के साथ का। इंदिरा गांधी के सहयोगी आरके धवन को संजय गांधी ने मृत्यु के एक दिन पहले आसमान की सैर कराई थी। 

दिल्ली के सफदरजंग एयरपोर्ट पर संजय गांधी ने एक चार्टर प्लेन पर आरके धवन के साथ उड़ान भरी और आसमान में खूब करतब दिखाए। आसमान जो खामोश था, उस पर सिर्फ प्लेन की गड़गड़ाहट सुनाई दे रही थी। इस उड़ान के बाद जब आरके धवन ने इंदिरा गांधी से मुलाकात की थी तो उन्होंने मैडम से कहा था कि मैं आज के बाद कभी भी संजय गांधी के साथ सवारी नहीं करूंगा।

जब संजय गांधी की आई थी खबर

संजय गांधी को प्लेन उड़ाने का काफी शौख था। ऐसे में 23 जून, 1980 को सफदरजंग एयरपोर्ट पर एक नए एयरक्रॉफ्ट पर सवारी करने वाले थे और वो काफी ज्यादा उत्साहित भी दिखाई दे रहे थे। संजय गांधी ने इस एयरक्रॉफ्ट में उड़ान भरने के लिए राजेश पायलट को भी बुलाया था। लेकिन मेरठ से मिलने आए कुछ लोगों की वजह से राजेश पायलट समय पर एयरपोर्ट नहीं पहुंच पाए थे।

संजय गांधी ने 23 जून को नए एयरक्रॉफ्ट पर उड़ान भरी। उस वक्त ने संजय गांधी करतब दिखाना शुरू किया लेकिन थोड़ी देर में उन्होंने प्लेन का नियंत्रण खो दिया और एयरक्रॉफ्ट आवाज करने लगा। इसके चंद सेकंड बाद ही प्लेन क्रैश हो गया और एयरक्रॉफ्ट पेड़ में जाकर फंस गया। जिसके बाद इंदिरा गांधी के पैरों तले जमीन खिसक गई। क्योंकि संजय गांधी और सुभाष सक्सेना की मृत्यु हो चुकी थी।

राजीव गांधी का किया गया था इंतजार 

संजय गांधी की मृत्यु के बाद उनके पार्थिव शरीर को दो दिनों तक रखा गया था क्योंकि गांधी परिवार को राजीव गांधी के स्वदेश लौटने का इंतजार था। उस वक्त इंदिरा गांधी के बड़े बेटे राजीव गांधी अपनी पत्नी सोनिया गांधी और बेटे राहुल गांधी के साथ इटली में छुट्टियां मना रहे थे। जब उन्हें अपने भाई के मृत्यु की जानकारी मिली तो वो तुरंत ही भारत लौट आए।