विकास दुबे केस: बिकरू कांड में चालीस अफसरों व पुलिसकर्मियों पर लटकी कार्रवाई की तलवार, देखिए यह रिपोर्ट…

न्यूज टुडे नेटवर्क। बहुचर्चित बिकरू कांड में फंसे पर अफसरों अब कार्रवाई की तलवार लटक रही है। एसआईटी की जांच रिपोर्ट भी आ गई है। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में एक एएसपी ,दो सीओ समेत चालीस पुलिस कर्मियों को पूरे प्रकरण में दोषी माना है। हाल ही में डीआईजी अनंतदेव को इसी केस में सस्पेण्ड
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विकास दुबे केस: बिकरू कांड में चालीस अफसरों व पुलिसकर्मियों पर लटकी कार्रवाई की तलवार, देखिए यह रिपोर्ट…

न्‍यूज टुडे नेटवर्क। बहुचर्चित बिकरू कांड में फंसे पर अफसरों अब कार्रवाई की तलवार लटक रही है। एसआईटी की जांच रिपोर्ट भी आ गई है। एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में एक एएसपी ,दो सीओ समेत चालीस पुलिस कर्मियों को पूरे प्रकरण में दोषी माना है। हाल ही में डीआईजी अनंतदेव को इसी केस में सस्‍पेण्‍ड किया गया है। एसआईटी की रिपोर्ट में सभी दोषी अफसरों व पुलिसकर्मियों के खिलाफ डीआईजी को जांच के आदेश दे दिए गए हैं।अब इन दोषी अफसरों और कर्मियों पर कार्रवाई होना तय माना जा रहा है।

गौरतलब है कि कानपुर के बिकरू में कुख्‍यात माफिया अपराधी विकास दुबे से मुठभेड़ के दौरान आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इस कांड में अफसरों की मिलीभगत का अंदाजा पहले से लगाया जा रहा था। धीरे धीरे जांच आगे बढ़ने पर अब पूरा मामला और अपराधी विकास दुबे के मददगारों के नाम खुलकर सामने आ रहे हैं। पूरे प्रकरण में कई चरणों की जांच हुई। कई आडियो भी वायरल हुए जिनकी सत्‍यता की बारी बारी से फोरेंसिक जांच भी कराई गई। मालूम हो कि एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद दोषी पाए गए अफसरों और पुलिसकर्मियों को नोटिस देने की कार्रवाई की जाएगी।

एसआईअी की जांच रिपोर्ट में शामिल पीपीएस अफसरों में पूर्व एसपी ग्रामीण प्रद्युम्न सिंह, पूर्व सीओ कैंट आरके चतुर्वेदी और वर्तमान सीओ एलआईयू सूक्ष्म प्रकाश का नाम है। तीनों अफसरों को शासन के आदेश के बाद प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।

इनके अलावा 37 पुलिसकर्मियों पर आईजी और डीआईजी कार्रवाई करेंगे। एडीजी ने बताया कि शासन की तरफ से पूर्व एसपी ग्रामीण, पूर्व सीओ कैंट और वर्तमान सीओ एलआईयू को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जा चुकी है। अब इन तीनों को डीआईजी की तरफ से नोटिस दी जाएगी। डीआईजी डा. प्रीतिन्दर सिंह ने कहा कि पुलिस अधिकारियों और कर्मियों पर जो आरोप लगे हैं, उसी के आधार पर उन्हें नोटिस दी जाएगी।

सभी को नोटिस का जवाब देना होगा। राजपत्रित अधिकारी जो जवाब देंगे, उसकी रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी जाएगी। वहीं बाकी पुलिस अफसरों के जवाब के आधार पर यहीं कार्रवाई होगी।