उत्तराखण्ड - World Hemophilia Day 2021 -  क्या हैं वर्ल्ड हीमोफिलिया डे ? जानिए इस बीमारी के लक्षण 
 

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World Hemophilia Day 2021:  

हीमोफीलिया एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है, जिसके कारण दुर्घटना होने के बाद कई व्यक्तियों के लिए यह जानलेवा भी साबित होती है। क्योंकि इसमें  रक्त का बहना जल्द बंद नहीं होता। विशेषज्ञों के अनुसार इस रोग का कारण एक रक्त प्रोटीन की कमी होती है, जिसे 'क्लॉटिंग फैक्टर' कहा जाता है। इस फैक्टर की विशेषता यह है कि यह बहते हुए रक्त के थक्के जमाकर उसका बहना रोकता है।  कोरोना वायरस के संक्रमण से जूझ रही दुनिया आज यानी 17 अप्रैल को विश्व हीमोफीलिया दिवस ( World Hemophilia Day 2020) मना रही है। इस बार विश्व हीमोफीलिया दिवस की थीम गेट इनवॉल्वड (Get involved) रखी गई है।

क्या  है हीमोफीलिया ? 

Hemophilia: Causes, types, symptoms, and treatment

यह एक  प्रकार का डिसऑर्डर है जो मुख्य रूप से हमारे शरीर के खून को प्रभावित करता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस बीमारी का कारण एक रक्त प्रोटीन की कमी होती है, जिसे 'क्लॉटिंग फैक्टर' कहा जाता है। इस फैक्टर की वजह से ही जब खून बहता है तो थोड़ी देर में वह उसका थक्का जमाकर बहने से रोक देता है । जब भी किसी इंसान को अंदरूनी या बाहरी चोट लगती है और खून बहना शुरू होता है तो वह रुकता नहीं और लगातार बहता ही रहता है तो यही स्थिति हीमोफीलिया कहलाती है।  यह बीमारी रक्त में थ्राम्बोप्लास्टिन (Thromboplastin) नामक पदार्थ की कमी से होती है। थ्राम्बोप्लास्टिक में खून को शीघ्र थक्का कर देने की क्षमता होती है। खून में इसके न होने से खून का बहना बंद नहीं होता है। इस रोग से पीड़ित रोगियों की संख्या भारत में कम  है। इस रोग में रोगी के शरीर के किसी भाग में जरा सी चोट लग जाने पर बहुत अधिक मात्रा में खून का निकलना आरंभ हो जाता है। इससे रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।

हीमोफीलिया के लक्षण :

  • सामान्य चोट और गहरी चोट लग जाने के बाद खून का लगातार बहते रहना
  • शरीर में नील के निशान पड़ना शरीर के किसी भी भाग में अचानक से सूजन होना

  • शरीर के किसी भी भाग में अचानक से सूजन होना

  • शरीर के विभिन्न जोड़ों में दर्द होना

  • नाक से खून आना