नैनीताल- कोविड की तीसरी लहर ने बच्चों को बचाने का ये है डीएम गर्ब्याल का प्लान, शिक्षक ऐसे निभाएंगे अहम भूमिका

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नैनीताल जनपद में अब ऑनलाइन पठन पाठन के दौरान शिक्षक छात्रों की स्वास्थ्य संबंधित जानकारी भी लेंगे। इसके निर्देश जिलाधिकारी धीराज सिह गर्व्याल ने जारी किये है। डीएम ने कोरोना की सभावित तीसरी लहर के मददेनजर बच्चों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए ये फैसला लिया है। ताकि कोरोना के लक्षण जैसे खांसी, बुखार, जुकाम, डायरिया आदि होने पर उनका स्वास्थ्य परीक्षण कर तत्काल उपचार किया जा सके। उन्होने मुख्य शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिये है कि वे जनपद के सभी शासकीय एवं गैर शासकीय विद्यालयों के संचालकों, प्रधानाचार्यों के साथ वार्ता कर विद्यार्थियों के स्वास्थ्य एवं कोविड संक्रमण की नियमित मानिटरिंग कर कोविड कन्टोल रूम एवं जिला कार्यालय को इसकी रिपोर्ट दें, जिससे संदिग्ध लक्षणयुक्त बच्चो की उपचार किया जा सके।

तीसरी लहर से बचाव को लिया फैसला

डीएम गर्ब्याल की माने तो कोरोना वायरस की प्रथम लहर की तुलना मे दूसरी लहर मे कोरोना पॉजिटिव बच्चों का आंकड़ा दोगुना हो गया था। विशेषज्ञो की राय के अनुसार इस बात की सम्भावना से इंकार नही किया जा सकता कि कोरोना की तीसरी लहर मे बच्चों मे कोरोना का संकमण और अधिक बढ़ सकता है। ऐसे में हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम बच्चो को कोरोना के संक्रमण से बचाने के लिए अपने स्तर से हर सम्भव प्रयास करें।

उन्होने कहा कि शिक्षण संस्थायें बन्द चल रही है। ऐसे में अध्यापको का प्रतिदिन विद्यार्थियों के साथ संवाद एवं बातचीत होती है। अभिभावकों के अतिरिक्त शिक्षक भी प्रतिदिन बच्चो की मानिटरिंग कर फीडबैक लें जो बच्चो के स्वास्थ्य हित मे सार्थक कदम सिद्व होगा। बच्चो की नियमित मानिटरिंग एवं फीडबैक से हम लक्षणयुक्त व संदिग्ध बच्चों को तत्काल चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराकर कोविड संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित कर पायंगे।