देहरादून- कोरोना के बीच अब इस फंगस ने उड़ाई सरकार की नींद, जाने क्या होते है इसके लक्ष्ण

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कोरोना के बीच अब उत्तराखंड में म्यूकोमाईकोसिस या कहे ब्लैक फंगस ने भी दस्तक दे दी है। राजधानी देहरादून में ब्लैक फंगस के 2 मामले सामने आए हैं। एक रोगी में तो लक्षण की पुष्टि तक हो गई है। तो दूसरे की अभी रिपोर्ट का आना बाकी है। हालांकि लक्षणों के आधार पर चिकित्सक ब्लैक फंगस ही मानकर चल रहे हैं। दोनों रोगी देहरादून के मैक्स अस्पताल में भर्ती हैं। अस्पताल के एमएस राहुल ने इसकी पुष्टि की है। उत्तराखंड सराकर ने भी इस फंगस से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदेश वासियों के साथ साझा की है।

सरकार की बढ़ी चिंता

ब्लैक फंगस के केसों को लेकर स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ सरकार की भी चिंता बढ़ गई है। विदित रहे पिछले 1 महीने के भीतर कोरोना संक्रमण के उत्तराखंड के भीतर बड़े केसों के चलते व्यवस्थाएं जहां चरमराई हुई हैं  ऐसे  में ब्लैक फंगस ने दस्तक देकर सरकार, प्रशासन और विशेषकर स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ा दी हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस बीमारी के होने से पहले ही नियंत्रण को लेकर मंथन करने में जुट गए हैं।

क्या है ब्लैक फंगस

ब्लैक फंगस यानि म्यूकोरमाइकोसिस शरीर में बहुत तेजी से फैलने वाला एक तरह का फंगल इंफेक्शन है। यह फंगल इंफेक्शन मरीज के दिमाग, फेफड़े या फिर स्किन पर भी अटैक कर सकता है। इस बीमारी में कई मरीजों के आंखों की रोशनी चली जाती है। वहीं, कुछ मरीजों के जबड़े और नाक की हड्डी गल जाती है। अगर समय रहते इसे कंट्रोल न किया गया तो इससे मरीज की मौत भी हो सकती है। ये इंफेक्शन कोरोना की दूसरी लहर में ठीक होने के बाद मरीजों में पाया जा रहा है। इस बिमारी  से आंख और जबड़े में इंफेक्शन होता है। जिसके बढ़ने पर मरीज़ की जान तक जा सकती है।

शुगर मरीजों को खतरा ज्यादा

यदि किसी व्यक्ति का शुगर लेवल बहुत अधिक है तो ऐसे लोगों के ब्लैक फंगस से संकलित हो जाने का खतरा ज्यादा रहता है। साथ ही कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों पर ब्लैक फंगस तेजी से हमला करता है।

क्या है ब्लैक फंगस के लक्षण

-मरीज की नाक से काला कफ जैसा तरल पदार्थ निकलता है।
-आंख, नाक के पास लालिमा के साथ दर्द होता है।
-मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है।
-खून की उल्टी होने के साथ सिर दर्द और बुखार होता है।
-मरीज को चेहरे में दर्द और सूजन का एहसास होता है।
-दांतों और जबड़ों में ताकत कम महसूस होने लगती है।
-इतना ही नहीं कई मरीजों को धुंधला दिखाई देता है।
-मरीजों को सीने में दर्द होता है।
-स्थिति बेहद खराब होने की स्थिति में मरीज बेहोश हो जाता है।