हल्द्वानी-मुक्तिधाम में कोरोना का खौफ, पहली बार एक दिन में जली 21 लाशें

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हल्द्वानी- मंगलवार को मुक्तिधाम हल्द्वानी में दिन भर शव जलते रहे। आलम यह हो गया कि देर रात लोगों ने मुक्तिधाम को जाने वाली सडक़ पर ही शव जलाना शुरू कर दिया। धाम के गेट से लेकर टिन शेड तक पांच शव जलते रहे। मुक्तिधाम में अव्यवस्थाओं का आलम है। स्थानीय लोगों ने बताया कि मंगलवार को एक-एक एंबुलेंस पहुंची और चालक शव को गेट पर उतारकर चला गया। आधे घंटे बाद परिजन पहुंचे और उन्होंने शव उठाकर अपने हाथ से चिता लगाई और दाह संस्कार किया।

इस संबंध में पार्षद महेश चंद का कहना है कि मुक्तिधाम में सफाई और चिताओं की राख उठाने का काम समिति करती है। मंगलवार को समिति के कर्मचारी यहां से चले गए। इस कारण स्थिति और भयावह हो गई है। क्रियाक्रम के लिए भी पंडित नहीं मिल रहे हैं। लोगों को अपने हाथ से ही क्रियाक्रम करना पड़ रहा है। वहीं लकड़ी लगाने से लेकर चिता ढोने तक का काम परिवार के लोग ही कर रहे हैं।

 मुक्तिधाम में कोरोना मरीजों के शवों को जलाने के विरोध में मंगलवार को स्थानीय लोगों ने हंगामा कर दिया। उनका आरोप था कि लोग शव जलाने के बाद बायो मेडिकल वेस्ट खुले में फेंक दे रहे हैं। धुएं से स्थानीय लोग परेशान हो गए हैं। कुछ लोगों ने अपनी छतों से अंतिम संस्कार करने आए लोगों पर पथराव कर दिया। वहां लोगों ने टिन शेड के नीचे छिपकर खुद को बचाया। हालांकि पुलिस पथराव से इंकार कर रही है। मंगलवार को राजपुरा के लोगों ने मुक्तिधाम में शव जलाने को लेकर विरोध किया। पार्षद महेश कुमार ने आरोप लगाया कि लोग मास्क, पीपीई किट सहित अन्य सामान फेंककर चले जा रहे हैं। सैनिटाइज करने की कोई व्यवस्था नहीं है। पार्षद का कहना था कि सोमवार को 21 शव जलाए गए।