हरिद्वार-सोमवती अमावस्या का शाही स्नान कल, पढिय़े आखिर क्यों फलदायी है ये स्नान

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हरिद्वार-सोमवार यानि कल 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या का शाही स्नान है। ऐसे महाकुंभ में लाखों लोगों के शामिल होने की संभावना है। हर दिन लाखों लोग हरिद्वार कुंभ में पहुंचकर स्नान कर रहे है। सोमवती अमावस्या को खास माना जाता है। इस दिन पितृ कार्यों के साथ भगवान विष्णु-लक्ष्मी की पूजा करने के लिए महत्वपूर्ण होती है। सोमवती अमावस्या पर स्नान करने से 12 गुना अधिक फल प्राप्त होता है। ऐसे में 12 अप्रैल को श्रद्धालुओं की भीड़ उमडऩे की संभावना है।


महाकुंभ में 12 अप्रैल को लेकर मेला पुलिस-प्रशासन इसकी तैयारियों में जुट गया है। प्राच्य विद्या सोसायटी के अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य डॉ. प्रतीक मिश्रपुरी के मुताबिक शनिवार को जब अमावस्या होती ही तो शनिश्चरी अमावस्या कही जाती है। ये पितृ कार्यों के लिए होती है। मंगलवार को अमावस्या होने पर उसे भौमवती अमावस्या कहते हैं और इसमें कठोर कार्य किए जाते हैं। लेकिन सोमवार को अमावस्या होने पर सोमवती अमावस्या कहते हैं। कुंभ साल में इसकी महत्ता अधिक हो जाती है।ज्योतिषों की माने तो इस सोमवती अमावस्या में स्नान और दान करने से समस्त पापों का नाश होता है। साथ में प्रचुर मात्रा में लक्ष्मी प्रदान करता है। 12 अप्रैल इस संवत का आखिरी दिन है। इस दिन सोमवती अमावस्या पूर्व के कुंभ वर्षों में देखने को नहीं मिलती है। इस दिन किया दानए पीपल की परिक्रमाए लक्ष्मी प्रदान करने वाली होगी।