देहरादून-पहाड़ी अनाजों से बनीं देवभोग मिठाई, वोकल फॉर लोकल से बढ़ी डिमांड

देहरादून- आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में हिमालय देवभूमि संसाधन ट्रस्ट की ओर से पहाड़ी अनाजों से तैयार मिठाइयों देवभोग स्वीट्स का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से एवं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देशों पर वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए यह नई पहल शुरू की गई
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देहरादून-पहाड़ी अनाजों से बनीं देवभोग मिठाई, वोकल फॉर लोकल से बढ़ी डिमांड

देहरादून- आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में हिमालय देवभूमि संसाधन ट्रस्ट की ओर से पहाड़ी अनाजों से तैयार मिठाइयों देवभोग स्वीट्स का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से एवं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देशों पर वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए यह नई पहल शुरू की गई है। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल एवं आत्मनिर्भर भारत की दिशा में यह एक सराहनीय पहल है। देवभूमि प्रसाद की सफलता के बाद अब देवभोग स्वीट्स की प्रगति की कहानी शुरू हो रही है।

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सीएम ने कहा कि दीपावली का पर्व आने वाला है। पर्वों में उत्तराखंड के अनाजों पर आधारित स्वास्थ्यवद्र्धक मिठाइयों की डिमांड तेजी से बढेंग़ी। जनता से पर्वों पर स्थानीय उत्पादों का अधिक से अधिक उपयोग करने की अपील भी की। देवभूमि स्वीट्स के लिए ऑनलाइन मार्केटिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाए। हिमालय देवभूमि संसाधन की ओर से उत्तराखंड के मंदिरों के लिए स्थानीय अनाजों पर आधारित प्रसाद बनाया जा रहा है। अब इसको और अधिक विस्तारित करते हुए उत्तराखंड के 12 स्वास्थ्य वर्धक अनाजों से मिठाइयां बनाई जा रही है। इस कार्य में हिमालय देवभूमि संसाधन के संस्थापक गोविंद सिंह मेहर एवं महासचिव बीएस रावत एवं अंशुल गुप्ता के साथ महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा यह मिठाइयां और प्रसाद बनाया जा रहा है। देवभोग प्रसाद की डिमांड काफी तेजी से बढ़ी है।

सीएम ने कहा कि स्थानीय अनाजों से जो मिठाइयां एवं प्रसाद बनाया जा रहा है, यह अनाज भी स्थानीय स्तर पर लोगों से खरीदा जा रहा है। जिससे स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलने के साथ ही उच्च गुणवत्ता युक्त उत्पाद भी लोगों को मिल रहे हैं। इन मिठाइयों में जिन स्थानीय अनाजों का इस्तेमाल किया जा रहा है, उनमें मंडुआ, चौलाई, झंगोरा, कुट्टू का आटा, गहत, सोयाबीन, उड़द की दाल का प्रयोग किया जा रहा है।