देहरादून-देवभूमि के दो जांबाजों को मिला जीवन रक्षक पदक, पत्थरों की बरसात के बीच ऐसे बचाई दो बड़े अधिकारियों की जान

देहरादून-स्थापना दिवस पर उत्तरकाशी के दो जांबाजों को राष्ट्रपति की ओर से जारी जीवन रक्षक पदक-2019 का सम्मान राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने दिया। यह पदक धरासू के थानाध्यक्ष विनोद थपलियाल और कांस्टेबल ममलेश रावत को उत्तरकाशी जिले के दो वरिष्ठ अधिकारियों की जान बचाने के लिए दिया गया। राज्य स्थापना दिवस पर विनोद थपलियाल
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देहरादून-देवभूमि के दो जांबाजों को मिला जीवन रक्षक पदक, पत्थरों की बरसात के बीच ऐसे बचाई दो बड़े अधिकारियों की जान

देहरादून-स्थापना दिवस पर उत्तरकाशी के दो जांबाजों को राष्ट्रपति की ओर से जारी जीवन रक्षक पदक-2019 का सम्मान राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने दिया। यह पदक धरासू के थानाध्यक्ष विनोद थपलियाल और कांस्टेबल ममलेश रावत को उत्तरकाशी जिले के दो वरिष्ठ अधिकारियों की जान बचाने के लिए दिया गया। राज्य स्थापना दिवस पर विनोद थपलियाल और ममलेश रावत को देहरादून बुलाया गया। जहां राज्य राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने पदक देकर सम्मानित करते हुए दोनों को बधाई भी दी।

देहरादून-देवभूमि के दो जांबाजों को मिला जीवन रक्षक पदक, पत्थरों की बरसात के बीच ऐसे बचाई दो बड़े अधिकारियों की जान

गौरतलब है कि 17 जुलाई 2018 की देर शाम को यमुनोत्री से तत्कालीन जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान और तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ददनपाल वापस लौट रहे थे। यमुनोत्री हाईवे पर 700 मीटर लंबे डाबरकोट भूस्खलन जोन को पार करना आसान नहीं था। पहाड़ी से पत्थरों की बरसात हो रही थी। ऐसी स्थिति में तत्कालीन बडक़ोट थाने के थानाध्यक्ष विनोद थपलियाल और कांस्टेबल ममलेश रावत ने अपनी गाड़ी आगे बढ़ाई। तो इतने में दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने भी बडक़ोट थाने के उसी वाहन से भूस्खलन जोन पार करने की ठानी।

देहरादून-देवभूमि के दो जांबाजों को मिला जीवन रक्षक पदक, पत्थरों की बरसात के बीच ऐसे बचाई दो बड़े अधिकारियों की जान

जैसे ही भूस्खलन जोन के बीच वाहन पहुंचा तो पत्थरों की बरसात तेज हो गई। गाड़ी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई तो एसपी ददन पाल गाड़ी के अंदर ही घायल हुए। दोनों जांबाजों ने क्षतिग्रस्त गाड़ी के अंदर से जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को किसी तरह बाहर निकाला। पत्थरों के लगातार बरसने के बावजूद पैदल ही दोनों अधिकारियों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। अधिकारियों की जान बचाने के लिए दोनों जांबाजों का चयन जीवन रक्षक पदक के लिए हुआ।