हल्द्वानी-समाज कल्याण मंत्री आर्य ने ठोंकी लोकसभा चुनाव में दावेदारी, ऐसे मिल सकता है फायदा

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क-लोकसभा चुनाव में दावेदारी को लेकर सबसे बड़ा घमासान नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सीट पर देखने को मिल रहा है। भाजपा से एक के बाद एक दावेदार मैदान में उतरकर आ रहे है। अब नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सीट से समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य ने भी नैनीताल लोकसभा से चुनाव लड़ने के लिए दावेदारी पेश कर
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हल्द्वानी-समाज कल्याण मंत्री आर्य ने ठोंकी लोकसभा चुनाव में दावेदारी, ऐसे मिल सकता है फायदा

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क-लोकसभा चुनाव में दावेदारी को लेकर सबसे बड़ा घमासान नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सीट पर देखने को मिल रहा है। भाजपा से एक के बाद एक दावेदार मैदान में उतरकर आ रहे है। अब नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सीट से समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य ने भी नैनीताल लोकसभा से चुनाव लड़ने के लिए दावेदारी पेश कर दी। आर्य ने अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट के बजाय नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सीट पर दावेदारी के लिए बात कही। आर्य ने साफ शब्दों में कहा कि हाईकमान मौका दे तो वह नैनीताल-ऊधमसिंह नगर सीट पर से लोकसभा चुनाव लडऩे को तैयार है। अब समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य के दावेदारी से भाजपा में घमासान मच गया है।

हल्द्वानी-समाज कल्याण मंत्री आर्य ने ठोंकी लोकसभा चुनाव में दावेदारी, ऐसे मिल सकता है फायदा

अनुभवी आर्य को मिल सकता है फायदा

आर्य ने कहा कि अगर वर्तमान सांसद भगत सिंह कोश्यारी चुनाव नहीं लड़ते है तो तभी संभव है। उन्होंने कहा कि उन्हें हर वर्ग का समर्थन प्राप्त है। साथ ही उन्होंने नैनीताल सीट की हर विधानसभा में काम किया है। गौरतलब है कि यूपी के समय में वर्ष 1989 में पहली बार आर्य खटीमा के विधायक बने है। इस समय खटीमा, नानकमत्ता, टनकपुर, सितारगंज, गौलापार, चोरगालिया को मिलाकर एक सीट थी। जिस पर उन्होंने जीत दर्ज की। वहीं इसके बाद वह नैनीताल जिले की मुक्तेश्वर सीट वर्ष 2002 मेें विधायक बने। वही वर्ष 2007 में मुक्तेश्वर सीट से ही विधायक बने। इसके बाद वह विधानसभा अध्यक्ष रहे। वर्ष 2012 में वह बाजपुर सीट से जीते। इसके बाद वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में फिर बाजपुर से जीत हासिल की। वह उत्तराखंड विधानसभा के अध्यक्ष पद के अलावा पिछली कांग्रेस सरकार के बाद अब मौजूदा भाजपा सरकार में भी कैबिनेट मंत्री हैं। बतौर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उन्होंने दो कार्यकाल पूर्ण किए। इस लिहाज से देखा जाए तो आर्य का दावा मजबूत माना जा रहा है। इसी का भाजपा उन्हें पार्टी से मिल सकता है।

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