देहरादून- उत्तराखंड के इस थिएटर निर्देशक का पूरे देश में है नाम, यहां से की अपने करियर की शुरूआत

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बृज मोहन शाह जिन्हें बी एम शाह के नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय थिएटर निर्देशक और नाटककार थे। शाह को उत्तराखंड में थिएटर के पुनरुद्धार का श्रेय दिया जाता है। उन्हें 1979 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। बृज मोहन शाह का जन्म उत्तराखंड के नैनीताल में 1933 में नैनीताल में हुआ था। उन्होंने 1960 में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD), नई दिल्ली में प्रवेश लिया, और इब्राहिम अल्काज़ी के तहत प्रशिक्षण लिया। बाद में 1962 में यही से स्नातक किया। शाह को उनके नाटकों, तुगलक, घासीराम कोतवाल, हयावदना, दो किश्तियों के सावर के लिए याद किया जाता है। उनका सबसे प्रसिद्ध नाटक व्यंग्य नाटक 'त्रिशंकु' था। उन्होंने सुधीर मिश्रा द्वारा निर्देशित ये वो मंजिल तो नहीं 1987 में दो हिंदी फिल्मों में भी अभिनय किया, उसके बाद मणिरत्नम द्वारा दिल से.. 1998 और एक वृत्तचित्र फिल्म, द पोस्ट मास्टर में कार्य किया। 5 जून 1998 को लखनऊ में बृज मोहन शाह का निधन हो गया। बता दें कि शाह की मृत्यु पर, 'बी. एम. शाह अवार्ड' का गठन उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी द्वारा किया गया था, जो हर साल थिएटर के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है।