देहरादून- उत्तराखंड की इस साइंटिस्ट ने देश के साथ विदेश में भी कमाया खूब नाम, मिल चुके कई सम्मान

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मंजू बंसल मॉलिक्यूलर बायोफिज़िक्स के क्षेत्र में माहिर साइंटिस्ट हैं। वर्तमान में वह भारतीय विज्ञान संस्थान, बैंगलोर में मॉलिक्यूलर बायोफिज़िक्स इकाई में सैद्धांतिक बायोफिज़िक्स समूह की प्रोफेसर हैं। वह बैंगलौर में जैव सूचना विज्ञान और अनुप्रयुक्त जैव प्रौद्योगिकी संस्थान की संस्थापक निदेशक भी हैं। मंजू बंसल का जन्म उत्तराखंड के देहारदून में 1 दिसंबर 1950 को हुआ। अपनी स्कूली शिक्षा उन्होंने देहरादून से ही पूरी की। बंसल ने विज्ञान में बहुत रुचि विकसित की और बाद में उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद से बीएससी और एमएससी करने के लिए आगे बढ़ी। 1972 में वह डॉक्टरेट की डिग्री के लिए मॉलिक्यूलर बायोफिजिक्स यूनिट, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बैंगलोर में शामिल हुईं। 1977 में उन्होंने अपनी पीएचडी पूरी की। बंसल को ईएमबीएल विजिटिंग फेलोशिप और एवीएच फेलोशिप, जर्मनी और सीनियर फुलब्राइट फेलोशिप, यूएसए से सम्मानित किया गया है। वह रटगर्स यूनिवर्सिटी, यूएसए में विजिटिंग प्रोफेसर और एनआईएच, बेथेस्डा, यूएसए में विजिटिंग कंसल्टेंट भी रही हैं। बंसल को 1979 में युवा वैज्ञानिकों के लिए INSA पदक से सम्मानित किया गया था। वह 1998 से भारतीय विज्ञान अकादमी, बैंगलोर और राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (भारत), इलाहाबाद की फेलो हैं।