देहरादून- उत्तराखंड के इस शतरंज खिलाड़ी ने कम उम्र मे ऐसे कमाया नाम, जीते कई बड़े खिताब 

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परिमार्जन नेगी 2005 में शतरंज का ग्रैंडमास्टर खिताब जीतने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय खिलाड़ी है। वह विश्वभर में शतरंज के गुरू के रूप में मशहूर हैं। परिमार्जन नेगी का जन्म 9 फरवरी 1993 को उत्तराखंड में हुआ। बचपन में ही वह अपने परिवार के साथ दिल्ली में आकर रहने लगे। वह 13 साल की छोटी उम्र में शतरंज के इतिहास में दूसरे सबसे कम उम्र के शतरंज ग्रैंडमास्टर बने। उन्होंने ट्रोम्सो नॉर्वे में 2014 शतरंज ओलंपियाड में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम के लिए खेला। परिमार्जन को भारत सरकार द्वारा 2010 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। नेगी ने 2005/06 हेस्टिंग्स इंटरनेशनल शतरंज कांग्रेस में अपना पहला ग्रैंडमास्टर मानदंड प्राप्त किया। उन्होंने 1 जुलाई, 2006 को रूस के सतका में चेल्याबिंस्क क्षेत्र सुपरफ़ाइनल चैम्पियनशिप में रूसी ग्रैंडमास्टर रुस्लान के साथ ड्राइंग करके अपना अंतिम जीएम मानदंड अर्जित किया। नेगी तब भारत के पहले और दुनिया के दूसरे सबसे कम उम्र के शतरंज ग्रैंडमास्टर बने।