कविता-हम नन्हे-मुन्ने हैं बच्चे

उत्तराखंड के लोकप्रिय वेब पोर्टल न्यूज टुडे नेटवर्क की ओर से स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आॅनलाइन कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसमें बाल, युवा और वरिष्ठ सभी वर्गों के लोग प्रतिभाग कर सकते हैं। प्रतियोगिता में मेरे प्यारे वतन विषय पर देशभक्ति से ओत.प्रोत स्वरचित कविता लिखकर 20 अगस्त तक भेजनी
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कविता-हम नन्हे-मुन्ने हैं बच्चे

उत्तराखंड के लोकप्रिय वेब पोर्टल न्यूज टुडे नेटवर्क की ओर से स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आॅनलाइन कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसमें बाल, युवा और वरिष्ठ सभी वर्गों के लोग प्रतिभाग कर सकते हैं। प्रतियोगिता में मेरे प्यारे वतन विषय पर देशभक्ति से ओत.प्रोत स्वरचित कविता लिखकर 20 अगस्त तक भेजनी है। इसके तहत राजीव गांधी नवोदय विद्यालय चैनोलिया अल्मोड़ा की छात्रा हर्षिता पांडे की शानदार कविता पढ़िए-

हम नन्हे-मुन्ने हैं बच्चे
आजादी का मतलब नहीं हैं समझते।

इस दिन हम स्कूल पर झंडा हैं फहराते,
राष्टृगान गाकर अपना फिर हम,
झंडे का सम्मान हैं करते,
देशभक्तों की झांकियों से,
दर्शकों को मोहित हम करते,
हम नन्हे-मुन्ने हैं बच्चे
आजादी का अर्थ सिर्फ यही हैं समझते।

वक्ता अपने भाषणों में,उन जाने क्या-क्या कहते।
उनके अंतिम शब्दों में बस हम तो ताली हैं बजाते।

आजादी का अर्थ सिर्फ यही हैं समझते।