मंगल पांडेय की 194वीं जयंतीः जानिए मंगल पांडे के बारे में ये खास बातें

 | 

देश की आजादी के लिए लड़ी गई लड़ाई की पहली जंग कहे जाने वाले 1857 के स्वतंत्रता संग्राम का आगाज करने वाले मंगल पांडे की आज 194वीं जयंती है। मंगल पांडे का जन्‍म 1827 में 19 जुलाई को हुआ था पूरा देश आज मां भारती के उस वीर पुत्र को याद कर रहा है। मंगल पांडे का नाम नाम 'भारतीय स्वाधीनता संग्राम' में अग्रणी योद्धाओं के रूप में लिया जाता है, जिनके द्वारा भड़काई गई क्रांति की ज्वाला से अंग्रेज़ ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन बुरी तरह हिल गया था। मंगल पांडे की शहादत ने भारत में पहली क्रांति के बीज बोए थे।

आइए जानते हैं उनके बारे में

अमर शहीद मंगल पांडे की 194वीं जयंती 
अमर शहीद मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई 1827 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगवा में एक ब्रह्मण परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम दिवाकर पांडे और माता का नाम अभय रानी था, हालांकि कई इतिहासकार ने बताया है कि उनका जन्म फैजाबाद जिले की अकबरपुर तहसील के सुरहुरपुर गांव में हुआ। आज (19 जुलाई) मंगल पांडे 194वीं जयंती है। अंग्रेजों के खिलाफ सिर उठाने वाले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के पहले क्रांतिकारी के तौर पर विख्यात मंगल पांडे ने पहली बार 'मारो फिरंगी को' का नारा देकर भारतीयों का हौसला बढ़ाया था। उनके विद्रोह से ही प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत हुई थी। 

29 मार्च 1857 को मंगल पांडे ने अंग्रेजों के खिलाफ खोला मोर्चा 
29 मार्च 1857 को मंगल पांडे ने अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोला था। उन्होंने कलकत्ता के पास बैरकपुर परेड मैदान में रेजीमेंड के अफसर पर हमला कर उसे घायल किया था। वे ईस्ट इंडिया कंपनी में सैनिक के तौर पर भर्ती हुए थे। लेकिन बाद में उन्होंने ब्रिटिश अधिकारियों के भारतीयों के ऊपर अत्याचार को देखकर अंग्रेजों के खिलाफ सिर उठाया था। 6 अप्रैल 1557 को मंगल पांडेय का कोर्ट मार्शल कर दिया गया और 8 अप्रैल को फ़ांसी दे दी गई।

निधन
8 अप्रैल, 1857 का दिन मंगल पांडे की फांसी के लिए निश्चित किया गया था। आपको बता दें, बैरकपुर के जल्लादों ने मंगल पांडे के खून से अपने हाथ रंगने से इनकार कर दिया, तब कलकत्ता (कोलकाता) से चार जल्लाद बुलाए गए। 8 अप्रैल, 1857 के सूर्य ने उदित होकर मंगल पांडे के बलिदान का समाचार संसार में प्रसारित कर दिया। भारत के एक वीर पुत्र ने आजादी के यज्ञ में अपने प्राणों की आहुति दे दी। वहीं उस दिन की याद में भारत सरकार ने बैरकपुर में शहीद मंगल पांडे महाउद्यान के नाम से उसी जगह पर उद्यान बनवाया था।