Avian Influenza: जानिए क्या है H5N1 एवियन इन्फ्लुएंजा बर्ड फ्लू और इससे बचाव के तरीके

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, लोगों में एच5एन1 संक्रमण के लगभग सभी मामले संक्रमित जीवित या मृत पक्षियों या एच5एन1 प्रभावित वातावरण के निकट संपर्क से जुड़े हुए हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार एच5एन1 को सबसे पहले साल 1997 में खोजा गया था। उस समय यह वायरस हांगकांग में मुर्गियों से एक शख्स में फैला था। माना जाता है कि इस वायरस से संक्रमित होने पर 60 फीसदी मामलों में मौत हो जाती है। आइए जानते हैं आखिर क्या है बर्ड फ्लू यानी एवियन इनफ्लुएंजा और इससे बचाव के तरीके।

बर्ड फ्लू यानी एवियन इनफ्लुएंजा
बएवियन इन्फ्लुएंजा यानी बर्ड फ्लू वायरल बीमारी है. जो संक्रामक होता है। यह बीमारी अक्सर पक्षियों में गंभीर रेस्पिरेट्री बीमारी पैदा करती है। बर्ड फ्लू के वैसे तो कई प्रकार है, लेकिन H5N1 ऐसा पहला बर्ड फ्लू वायरस है।जिससे इंसानों को संक्रमित किया है. H5N1 और H7N9 वायरस के सबसे कॉमन स्ट्रेन है। H5N1 एक प्रकार का इन्फ्लुएंजा वायरस है. जो पक्षियों में गंभीर रेस्पिरेट्री डिजीज का कारण बनता है। बर्ल्ड फ्लू अक्सर बीमार पक्षियों के संपर्क में आने से होता है। हालांकि अभी मानव से मानव में संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है। यह ज्यादातर पक्षियों के लिए जानलेवा साबित होता है।

बचाव के तरीके : 
-भोजन और खुद की स्वच्छता का ध्यान रखें 
-खांसते, छींकते वक्त मास्क पहने 
-कुछ समय के लिए पक्षियों से दूर रहें

भोजन को उच्च तापमान पर पकाने से नष्ट हो जाता वायरस
एम्स में मेडिसीन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. निश्चल की मानें तो अगर कोई ठीक से पका हुआ पोल्ट्री उत्पाद खा रहा है तो चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। अभी तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह ठीक से पके हुए भोजन से लोगों में फैल सकता है। भोजन को उच्च तापमान पर पकाने से वायरस नष्ट हो जाता है।