हाथ मिलाना बंद करें, नमस्‍कार करने की आदत डालें, नहीं पड़ेंगे बीमार

हाथ मिलाने की आदत छोड़ें तो बच जाएंगे तमाम बीमारियों से: srms medical college bareilly में आयोजित यूपी-यूके माइक्रोकान में पहुंचे देश के जाने माने माइक्रोबायोलॉजिस्ट ने मौजूदा दौर की बीमारियों पर चर्चा की। नई दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल के डायरेक्टर डा.बीएल शेरवाल ने संक्रमण से बचाव के लिए हाथ मिलाना बंद
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हाथ मिलाना बंद करें, नमस्‍कार करने की आदत डालें, नहीं पड़ेंगे बीमार

हाथ मिलाने की आदत छोड़ें तो बच जाएंगे तमाम बीमारियों से: srms medical college bareilly में आयोजित यूपी-यूके माइक्रोकान में पहुंचे देश के जाने माने माइक्रोबायोलॉजिस्‍ट ने मौजूदा दौर की बीमारियों पर चर्चा की। नई दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल के डायरेक्टर डा.बीएल शेरवाल ने संक्रमण से बचाव के लिए हाथ मिलाना बंद कर नमस्कार करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि वायरस लगातार अपना स्वरूप बदल कर आक्रमण करते हैं। ऐसे में उनके संक्रमण से बचने के लिए हाथ मिलाने के स्थान पर दूर से नमस्कार बोलें।
हाथ मिलाना बंद करें, नमस्‍कार करने की आदत डालें, नहीं पड़ेंगे बीमार
डा.शेरवाल ने बीमारियों की जांच में माइक्रोबायलाजिस्ट की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि सैंपल की समय से जांच और एक्यूरेट रिपोर्ट से ही मरीज का शीघ्र और उचित उपचार संभव हो पाता है। ज्यादातर गंभीर मामलों में रिपोर्ट के बाद ही उपचार शुरू होता है। रिपोर्ट से ही पता चलता है कि समस्या की जड़ बैक्टीरिया है या वायरस।

डा.शेरवाल ने कोरोना वायरस के प्रकोप पर भी जिंता जताई। हालांकि इसके लिए उन्होंने बढ़ती आबादी और खानपान की आदतों ही जिम्मेदार ठहराया। कहा, 29 देशों तक पहुंचने वाले इस वायरस से बचान को फिलहाल कोई एंटीबायोटिक्स नहीं है। बचाव ही एकमात्र उपाय है। संक्रमण से बचने के लिए हाथ मिलाना बंद कर नमस्कार करें। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आईएमएस बीएचयू के प्रोफेसर डा.गोपाल नाथ ने भी बीमारियों के बदलते दौर में माइक्रोबायलोजिस्ट की जरूरत बढ़ने की बात कही।

उन्होंने कहा कि मरीज का सौ फीसद सही उपचार उसकी बेहतर जांच रिपोर्ट पर ही निर्भर है। क्योंकि समस्या की जड़ तो सैंपल के जांच में ही पता चलती है। इसी को खत्म कर बीमारी को भगाया जा सकता है। एसजीपीजीआई लखनऊ की डा.उज्ज्वला घोषाल ने भी क्लीनिकल माइक्रोबायोलाजी की भूमिका बढ़ने की बात कही।

एसआरएमएस ट्रस्ट के चेयरमैन देवमूर्ति ने पुराने वायरस खत्म होने और नए वायरस का जमाना चलने की बात कही। एंटीबायोटिक्स का बेअसर होना मुसीबत को और भी बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसे नए वायरस को खत्म करने के लिए दुनिया माइक्रोबायोलाजिस्ट की ओर ही नजर लगाए है। ऐसे में माइक्रोबायोलाजिस्ट की जिम्मेदारी बढ़ जाती है।

उन्होंने एसआरएमएस को विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने पर भी सभी को बधाई दी। कहा कि इससे अब हमे जरूरत के मुताबिक काम करने की आजादी होगी। हम आम लोगों को और भी सुविधाएं दे पाएंगे। समारोह में आईएमएस बीएचयू की डा.शंपा अनुपूर्वा दिया गया डा.यूसी चतुर्वेदी ओरेशन अवार्ड प्रदान किया गया।