90 से अधिक देशों ने 40 फीसदी आबादी को नहीं लगाए टीके
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने चीन का रुख प्रकट किया कि महामारी से लड़ना सभी देशों की साझा जिम्मेदारी है। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में टीके अभी भी मुख्य हथियार हैं और अधिक लोगों का जीवन बचाने की सबसे अच्छी उम्मीद है। विश्व के विभिन्न देशों को वैश्विक सार्वजनिक वस्तुओं के रूप में टीकों की पहली विशेषता का पालन करना चाहिए। अफसोस की बात है कि वैश्विक वैक्सीन उत्पादन और टीकाकरण दर में मौजूदा वृद्धि के बावजूद, विकसित और विकासशील देशों के बीच टीकाकरण की खाई चौड़ी होती जा रही है। कुछ पश्चिमी देशों ने टीकों की जमाखोरी की है जो उनकी अपनी जरूरतों से कहीं अधिक है और वे बहुत टीके बर्बाद भी कर रहे हैं। केवल अमेरिका ने ही पिछले साल मार्च और नवंबर के बीच कोरोना वैक्सीन की कम से कम 1 करोड़ 50 लाख खुराकें बर्बाद कर दीं।
हमें उम्मीद है कि संबंधित देश अपनी प्रतिबद्धताओं को ईमानदारी से पूरा करेंगे, वैश्विक टीकाकरण के अंतर को पाटने के लिए चीन के साथ काम करेंगे और महामारी पर जल्द से जल्द जीत के लिए सही मायने में उचित योगदान देंगे।
(साभार---चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग)
--आईएएनएस
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