चीन और भारत एशियाई सभ्य पारिस्थितिक देश

बीजिंग, 7 दिसम्बर (आईएएनएस)। एशिया प्रशांत क्षेत्र के महत्वपूर्ण देश के रूप में चीन और भारत एशियाई सभ्य पारिस्थितिक देश भी हैं। दोनों देशों के बीच सरकारी और गैर-सरकारी संचार और सहयोग की ज्यादा आवश्यकता है। हाल ही में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए शांगहाई विश्वविद्यालय के प्रोफेसर फान छोंगचुन ने चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) के संवाददाता को दिए एक खास इंटरव्यू में यह बात कही।
 | 
चीन और भारत एशियाई सभ्य पारिस्थितिक देश बीजिंग, 7 दिसम्बर (आईएएनएस)। एशिया प्रशांत क्षेत्र के महत्वपूर्ण देश के रूप में चीन और भारत एशियाई सभ्य पारिस्थितिक देश भी हैं। दोनों देशों के बीच सरकारी और गैर-सरकारी संचार और सहयोग की ज्यादा आवश्यकता है। हाल ही में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए शांगहाई विश्वविद्यालय के प्रोफेसर फान छोंगचुन ने चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) के संवाददाता को दिए एक खास इंटरव्यू में यह बात कही।

उन्होंने कहा कि चीन और भारत कन्फ्यूशियस पारिस्थितिकी के प्रभाव में भी आते हैं। दोनों देशों को आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, चिकित्सा और तकनीकी आदि क्षेत्रों में एक-दूसरे के साथ सहयोग मजबूत करना चाहिये। विशेषकर दोनों देशों को आपसी गैर-सरकारी सहयोग को बढ़ाना चाहिये। गैर-सरकारी सहयोग में न केवल गैर-लाभकारी संगठनों के बीच संपर्क शामिल हैं, बल्कि विभिन्न देशों की कंपनियों के बीच सहयोग भी शामिल है। ऐसे सहयोग में उद्यमों की आपसी शेयरधारिता और तकनीकी उत्पादों का अंतप्र्रवाह आदि शामिल हैं।

चीन दूसरे देशों के उच्च तकनीक वाले उद्यमों और अनुसंधान संस्थानों को अपने देश में अनुसंधान केंद्र स्थापित करने और हाई टेक उत्पाद प्रदान करने का स्वागत जारी रखता है। साथ ही, चीन की उच्च तकनीक कंपनियों ने भारत समेत दक्षिण एशियाई और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में निवेश किया और शाखा कंपनियों की स्थापना की।

( साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग )

--आईएएनएस

एएनएम

WhatsApp Group Join Now