बिहार : आर्थिक आधार पर सवर्णों को आरक्षण के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर राजनीति गर्म

पटना, 7 नवंबर (आईएएनएस)। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरियों में मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण की वैधता को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बरकरार रखे जाने के बाद इसे लेकर बिहार में राजनीति गर्म हो गई है।
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बिहार : आर्थिक आधार पर सवर्णों को आरक्षण के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर राजनीति गर्म पटना, 7 नवंबर (आईएएनएस)। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरियों में मिलने वाले 10 प्रतिशत आरक्षण की वैधता को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बरकरार रखे जाने के बाद इसे लेकर बिहार में राजनीति गर्म हो गई है।

भाजपा के सांसद सुशील कुमार मोदी ने इस फैसले के बाद जहां राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को घेरा है वहीं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने जनसंख्या के मुताबिक आरक्षण की बात कही है।

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को कहा कि अब तो गरीब सवर्णों के आरक्षण पर देश की सर्वोच्च अदालत ने भी मुहर लगा दी है। राजद को अब जनता को जवाब देना पड़ेगा कि उसने आरक्षण का विरोध क्यों किया था।

उन्होंने कहा कि संसद में इस संशोधन का विरोध करने के बाद अब राष्ट्रीय जनता दल सवर्ण जाति के लोगों से कैसे वोट मांगने जाएगी। अब उसे जनता का जवाब देना पड़ेगा।

इधर, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि मैंने पूर्व में ईडब्लूएस के आधार पर सामान्य जातियों के लिए आरक्षण की मांग की थी।

आज उच्चतम न्यायलय ने भी मेरी बातों पर मुहर लगा दिया है जिसके लिए सबों का धन्यवाद। अब जिसकी जितनी संख्या भारी उसको मिले उतनी हिस्सेदारी का आंदोलन शुरू होगा।

--आईएएनएस

एमएनपी/एएनएम

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