डीआरडीओ ने नौसेना के सोनार सिस्टम के लिए परीक्षण, मूल्यांकन सुविधा शुरू की
इस कदम का उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत और भारत की मेक इन इंडिया प्रतिबद्धता को गति देना है। यह जहाजों, पनडुब्बियों और हेलीकॉप्टरों सहित विभिन्न प्लेटफार्मो पर भारतीय नौसेना द्वारा उपयोग के लिए विकसित सोनार प्रणालियों के लिए एक अत्याधुनिक परीक्षण और मूल्यांकन सुविधा है।
स्पेस सुविधा एनपीओएल द्वारा अनुमानित अवधारणा डिजाइन और आवश्यकताओं पर आधारित है और इसका निर्माण एलएंडटी शिपबिल्डिंग, चेन्नई द्वारा किया गया है।
इसका उपयोग मुख्य रूप से सोनार प्रणालियों के मूल्यांकन के लिए किया जाएगा, जिससे सेंसर और ट्रांसड्यूसर जैसे वैज्ञानिक पैकेजों की त्वरित तैनाती और आसान वसूली की अनुमति मिलती है।
रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि स्पेस दुनिया में अपनी तरह की अनूठी सुविधा है। इस सुविधा की विशिष्टता विशेष रूप से डिजाइन किए गए सबमर्सिबल प्लेटफॉर्म में निहित है, जिसे सिंक्रोनस रूप से संचालित विंच की एक श्रृंखला का उपयोग करके 100 मीटर की गहराई तक उतारा जा सकता है।
प्लेटफॉर्म का डिजाइन और निर्माण भारतीय शिपिंग रजिस्टर और पोत वर्गीकरण प्राधिकरण की सभी वैधानिक आवश्यकताओं को पूरा करता है और केरल अंतर्देशीय वेसल नियमों के अनुसार निरीक्षण और पंजीकरण मानदंडों का सख्ती से पालन करता है।
--आईएएनएस
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