डार्क नेट और क्रिप्टो करेंसी के जरिए ड्रग्स तस्करी बढ़ी, आतंकवाद के लिए भी जिम्मेदार : अमित शाह
शाह ने कहा, एक ओर नारकोटिक्स दीमक की तरह हमारी युवा पीढ़ी को खत्म कर रहा है और दूसरी ओर नारकोटिक्स के व्यापार से आने वाला अवैध धन आतंकवाद को भी पोषित करता है। देश की युवा पीढ़ी को सुरक्षित रखने और आतंकवाद के वित्त पोषण पर करारा प्रहार करने की दृष्टि से इस लड़ाई को भारत सरकार की सभी ऐजेंसियां, राज्य सरकारों की सभी ऐजेंसियां और पुलिस को एक साझा लड़ाई के रूप में एक स्पिरिट के साथ लड़ना और जीतना होगा।
अमित शाह ने कहा कि पश्चिमी राज्यों में प्रमुख मादक पदार्थो की तस्करी के मुद्दों में पश्चिमी तट से हेरोइन की बढ़ती समुद्री तस्करी, नशीले पदार्थो अर्थात अफीम, गांजा और पोस्त की अवैध खेती, मादक पदार्थो की तस्करी में कुरियर और पार्सल का उपयोग और डार्क नेट एवं क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से ड्रग्स तस्करी में बढ़ोतरी शामिल है। अमित शाह ने कहा कि हाल ही में मामलों की जांच के दौरान पश्चिमी राज्यों से संबंधित मादक पदार्थो की तस्करी में नए रुझान सामने आए हैं और इन नई प्रवृत्तियों से निपटने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने की जरूरी है।
गृहमंत्री ने कहा कि देश के पश्चिम क्षेत्र के राज्यों में से गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा एवं केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के निकट विशाल समुद्री तटरेखा मौजूद है एवं राजस्थान और गुजरात पाकिस्तान के साथ सीमा साझा करते हैं। शाह ने कहा कि समुद्री मार्ग से दक्षिण मध्य एशियाई हेरोइन की तस्करी में वृद्धि हुई है और साथ ही भारत पाक सीमा के द्वारा भी हेरोइन की तस्करी के बढ़ते मामले एक चिंता का विषय है।
गृहमंत्री ने बताया कि 2006 से 2013 तक कुल 1257 मामले दर्ज हुए, जबकि 2014 से 2022 तक 3172 मामले दर्ज किए गए, जिसमें कुल 152 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं 2006 से 2013 तक कुल 1.52 लाख किलोग्राम ड्रग्स जब्त हुई, जो 2014 से 2022 तक 3.33 लाख किलोग्राम हो गई, पहले इसका मूल्य 768 करोड़ था, जो अब 20 हजार करोड़ रुपये हो गया है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि मादक पदार्थो का सेवन करने वाला अपराधी नहीं होता, बल्कि वह एक पीड़ित होता है। उन्होंने टॉप टू बॉटम और बॉटम टू टॉप अप्रोच को अपनाते हुए ड्रग्स के सोर्स और डेस्टिनेशन दोनों पर प्रहार कर इसके पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने की जरूरत पर बल दिया।
अमित शाह ने एनडीपीएस अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों को सख्ती से लागू किए जाने पर भी बल दिया। उन्होंने त्वरित ट्रायल सुनिश्चित करने के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट्स स्थापित करने पर विचार किए जाने की जरूरत पर भी बल दिया।
उन्होंने कहा कि ड्रग तस्करों एवं सप्लायर्स के जेल ट्रांसफर पर विशेष ध्यान रखना चाहिए और इसके साथ ही जेलों पर नियंत्रण की जरूरत है, जिसके लिए मैक्सिमम सिक्युरिटी प्रिजन पर विचार किया जा सकता है।
--आईएएनएस
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