लो जी महामारी से जूझ रहा देश-प्रदेश और कोरोना इलाज में कारगर रेमिडिसिवर इंजेक्शन की तस्करी भी शुरू, 265 वायल बरामद
जिलों में अभी डीएम के अनुमोदन पर मरीजों को मिलता है रेमिडिसिवर इंजेक्शन
न्यूज टुडे नेटवर्क। पूरा देश इस वक्त कोरोना महामारी से जूढ रहा है। लोगों को दवाएं और बिस्तर नहीं मिल रहे हैं इस सबके बीच मानवीय संवेदनाओं को दरकिनार करते हुए कोरोना के इलाज में कारगर इंजेक्शन रेमिडिसिवर की तस्करी भी होने लगी। यूपी के कानपुर में रेमिडिसिवर की खेप पकड़ी गयी है। इंजेक्शन की यह खेप तस्करी कर लायी जा रही थी। पुलिस अफसरों ने बताया कि तस्करों ने इन इंजेक्शनों को ऊंचे दामों पर बेचने का प्लान बनाया था। पुलिस की सक्रियता से यह कीमती इंजेक्शन पकड़े गए। पुलिस की चेकिंग में रेमिडिसिवर इंजेक्शन की कालाबाजारी और तस्करी का खुलासा हुआ। अभी जिलों में डीएम के अनुमोदन पर ही यह इंजेक्शन मरीजों को मिल रहा है। इसके बावजूद पूरे सिस्टम को धता बताते हुए इसकी तस्करी भी शुरू हो गयी है।
मामला यूपी के कानपुर का है यहां एसटीएफ की टीम मिलेट्री से मिले इनपुट के आधार पर यह बरामदगी की है। इंजेक्शन की खेप कोलकाता से लायी जा रही थी। एसटीएफ ने रेमिडिसिवर की 265 वायल के साथ तीन तस्करों को धर दबोचा है। फिलहाल एसटीएफ इस गिरोह के सरगना की तलाश में जुट गयी है। तस्करी करने वालों के आकाओं की तलाश में एसटीएफ की कई टीमों को लगाया गया है।
कानपुर की टीम को लखनऊ मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट से सूचना मिली कि कोविड-19 महामारी में लाइफ सपोर्ट के लिए आवश्यक रेमिडिसिवर इंजेक्शन की खेप कोलकाता से कानपुर भेजी गई है। इसकी सप्लाई खाड़ेपुर नौबस्ता निवासी मोहन सोनी को होनी है। अफसरों ने ग्राहक बनकर मोहन सोनी से सौदा तय किया। इसके बाद STF को सूचना दी गई। STF के SI राजेश और सिपाही देवेश ने ग्राहक बनकर मोहन से संपर्क साधा। इसके बाद इंजेक्शन की डिलीवरी कोपरगंज स्थित एक होटल में तय की गई। उससे पहले STF और बाबूपुरवा पुलिस ने किदवई नगर में छापेमारी कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
मजबूर लोगों को ऊंचे दामों पर बेचने थे इंजेक्शन
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान खाड़ेपुर नौबस्ता निवासी मोहन सोनी, पशुपति नगर निवासी प्रशांत शुक्ला व यमुना नगर, हरियाणा निवासी सचिन कुमार के रुप में हुई। बरामद किए गए इंजेक्शन पर बैच नंबर या अन्य संबंधित जानकारी नहीं मिली है। पकड़े गए लोगों ने पूछताछ में बताया कि इस इंजेक्शन की कीमत 5400 रुपए है। जिसकी बाजार में काफी कमी है, इसका फायदा उठाने के लिए मनमाने दाम पर बेचा जा रहा था।
उत्तर प्रदेश सरकार ने रैमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत को देखते हुए इसकी तस्करी पर लगाम लगाए जाने के निर्देश दिए हैं। सरकार के द्वारा स्पष्ट आदेश है कोई भी औषधि और मेडिकल संबंधित सेवा में कोई भी लापरवाही न बरती जाए। इसकी आपूर्ति समुचित रखी जाए और अगर कोई इसमें तस्करी या कालाबाजारी कर रहा है उसके खिलाफ सख्त सख्त कार्रवाई की जाए।